जयपुर, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) । सामूहिक साधना महा अनुष्ठान के माध्यम से समर्थ-समृद्ध-संस्कारी भारत के नव निर्माण के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की ज्योति कलश रथ यात्रा 6 नवंबर से गायत्री शक्तिपीठ वाटिका से शुरू होगी। इससे पूर्व सुबह देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या 6 नवंबर को तीर्थराज पुष्कर से ज्योति रथ कलश यात्रा का शुभारंभ करेंगे। ज्ञान यज्ञ की ज्योति जलाने के लिए सात ज्योति कलश रथ प्रदेश के 45 हजार गांवों में जाएंगे। सोमवार को किरण पथ मानसरोवर स्थित श्री वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केन्द्र में रथ यात्रा की तैयारियों को लेकर बैठक हुई। ज्योति कलश यात्रा में साथ चलने वाले एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया। ये कार्यकर्ता पांच नवंबर को रथ को लेने के लिए पुष्कर जाएंगे।
इस मौके पर गायत्री परिवार राजस्थान जोन समन्वयक एवं मुख्य ट्रस्टी ओम प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि घर-घर में ज्ञान गंगा पहुंचाने का यह आखिरी अवसर है। ऐसे में गायत्री परिवार के हर कार्यकर्ता को इसमें बढ़ चढक़र समयदान करना चाहिए। ऐसा अवसर भविष्य में कभी नहीं आने वाला है।
जयपुर उप जोन समन्वयक सुशील कुमार शर्मा ने ज्योति रथ कलश यात्रा के संबंध में आवश्यक निर्देश देते हुए मार्गदर्शन किया।
वाटिका में सर्व समाज करेगा स्वागत
गायत्री शक्तिपीठ वाटिका के व्यवस्थापक रणवीर सिंह चौधरी ने बताया कि छह नंवबर को शाम पांच बजे ज्योति कलश यात्रा रिंग रोड से जयपुर में प्रवेश करेगी। यहां से वाहन रैली के साथ वाटिका बस स्टैंड तक लाया जाएगा। अंबेडकर सर्किल पर समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा ज्योति कलश रथ यात्रा का स्वागत किया जाएगा। यहां से गाजे बाजे और कलश यात्रा के साथ नगर भ्रमण कराया जाएगा। विभिन्न मार्गों से होते हुए ज्योति कलश रथ यात्रा वाटिका शक्तिपीठ पहुंचेंगी। यहां स्वागत और आरती होगी। रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन 7 नंवबर को सुबह यज्ञ के बाद विभिन्न कॉलोनियों में रथ भ्रमण करेगा। सात और आठ नवंबर को प्रताप नगर-सांगानेर की विभिन्न कॉलोनियों में रथ यात्रा निकाली जाएगी। करीब चालीस दिन तक ज्योति कलश रथ जयपुर शहर में भ्रमण करेगा।
घर-घर बांटे पीले चावल
सामूहिक साधना महाअनुष्ठान से जुडऩे और ज्योति कलश रथ के स्वागत के लिए सोमवार को मानसरोवर, दुर्गापुरा, प्रतापनगर, सांगानेर, करधनी, मुरलीपुरा, गांधीनगर, वैशाली नगर में गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर पीले चावल बांटे। पीले चावल के साथ देव स्थापना का चित्र, गायत्री चालीसा, सदवाक्य स्टीकर और सामूहिक साधना की जानकारी देने वाला एक पत्रक भी दिया गया। करीब चालीस रूपए की यह सामग्री लोगों को निशुल्क दी गई। आम लोगों के साथ विशिष्टजनों को भी निमंत्रित किया गया।
गायत्री मंत्र से बनेगा रक्षा कवच
गायत्री परिवार प्रमुख प्रणव पंड्या के मुताबिक समाज को जाति और वर्ग में बांटने की साजिश हो रही है। प्राकृतिक आपदाओं से जनहानि हो रही है। इसलिए शांतिकुंज की ओर से घर-घर में साधना का वातावरण निर्मित किया जाएगा, जिसमें लोग रोजाना एक माला गायत्री मंत्र या गायत्री चालीसा का पाठ या एक पेज गायत्री मंत्र लेखन के विकल्पों में से कोई एक विकल्प चुन कर साधना प्रारंभ करने का आह्वान किया गया है। साधना आंदोलन की पूर्णाहुति बसंत पंचमी 2026 को होगी। इस महा अनुष्ठान के माध्यम से व्यक्ति के चारों ओर सुरक्षा कवच का निर्माण होगा। न केवल देश सुरक्षित होगा, बल्कि व्यक्तिगत के जीवन से कष्ट और कठिनाइयां भी कम होंगी। दैविक अनुदान-वरदान भी मिलेंगे। गायत्री मंत्र की साधना से व्यक्ति का आत्मबल बढ़ेगा।
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(Udaipur Kiran)