
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (Udaipur Kiran) । गति शक्ति विश्वविद्यालय, वडोदरा ने सोमवार को नई दिल्ली में भारतीय नौसेना के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य भारतीय नौसेना के लिए रसद-संबंधी शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ाना है।
वाइस एडमिरल दीपक कपूर (लॉजिस्टिक्स नियंत्रक, भारतीय नौसेना) और प्रो. मनोज चौधरी (कुलपति, गति शक्ति विश्वविद्यालय) द्वारा हस्ताक्षरित यह समझौता भारतीय नौसेना की लॉजिस्टिक्स क्षमताओं और परिचालन दक्षता को बढ़ाने में एक प्रमुख मील का पत्थर है।
यह सहयोग आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, मल्टीमॉडल परिवहन और रसद में स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करके भारतीय नौसेना के रसद ढांचे को मजबूत करने के लिए तैयार है। यह पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान 2021 और राष्ट्रीय रसद नीति 2022 जैसी राष्ट्रीय विकास पहलों के साथ भी संरेखित है।
यह समझौता ज्ञापन एआई अनुप्रयोगों, पूर्वानुमान विश्लेषण और ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता और केस स्टडी के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है, ताकि रसद प्रथाओं को बेहतर बनाया जा सके। भारतीय नौसेना के कुछ अधिकारियों को गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) में अकादमिक डिग्री हासिल करने का अवसर मिलेगा, साथ ही उनके लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए प्रबंधन विकास कार्यक्रम भी होंगे।
भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के साथ अपनी मौजूदा साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए, गति शक्ति विश्वविद्यालय अब तीनों रक्षा सेवाओं की शिक्षा और अनुसंधान आवश्यकताओं को पूरा करता है। परिवहन और रसद पर विश्वविद्यालय का मुख्य ध्यान इसे इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में कौशल विकास और नवाचार के मामले में सबसे आगे रखता है।
वाइस एडमिरल दीपक कपूर ने इस बात पर जोर दिया कि यह सहयोग नौसेना को उन्नत रसद क्षमताओं और व्यावहारिक अंतर्दृष्टि से सशक्त बनाएगा, जबकि गति शक्ति विश्वविद्यालय को नौसेना की परिचालन विशेषज्ञता से लाभ होगा।
प्रो. मनोज चौधरी ने बलों को तेजी से जुटाने में कुशल रसद की भूमिका पर प्रकाश डाला और नवाचार और सहयोग के माध्यम से अपने राष्ट्रीय जनादेश को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
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