-अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के बैनर तले सफाई कर्मचारियों की हड़ताल
अजमेर, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । मांगे नहीं माने जाने पर अजमेर नगर निगम के करीब 4 हजार स्थाई और अस्थाई सफाई कर्मचारी मंगलवार को हड़ताल पर रहे, जिसके चलते शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ गई है। जगह-जगह पर कचरे का ढेर लगा हुआ है। आम जनता को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। हड़ताल में ठेकेदारों के संविदा कर्मचारी, डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले कर्मी भी शामिल है। शहर को 11 जोन में बांटकर सफाई का काम कराया जाता है। 1476 स्थाई सफाई कर्मचारी, 2000 से अधिक अस्थाई सफाई कर्मचारी है। 350 कर्मचारी डोर टू डोर कचरा संग्रहण में लगे हैं। करीब 300 टन कचरा रोजाना निकलता है।
200 ऑटो टिपर के जरिए कचरा घरों से 350 कचरा डिपो तक और वहां से 25 ट्रॉली, 11 डंपर, 11 लोडर, 50 कंटेनर मशीन के जरिए शहर के बाहर ट्रैकिंग ग्राउंड में डंप किया जाता है। हड़ताल के कारण शहर के हालात बिगड़ चुके हैं। सफाई भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दिए जाने की मांग को लेकर सभी सफाई कर्मचारी हड़ताल पर है। पिछले साल 27 अप्रैल को भी शहर में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर थे। सरकार के आश्वासन के चार दिन बाद हड़ताल से वापस लौटे थे।
अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के बैनर तले सफाई कर्मचारियों ने सोमवार को विरोध- प्रदर्शन करते हुए हड़ताल की चेतावनी दी थी। सफाई कर्मचारियों ने वाल्मीकि समाज को सफाई कर्मचारी भर्ती में प्राथमिकता देने की मांग की कर रहे थे। मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दे रहे थे। नगर निगम में कार्यरत सफाई कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन करते सोमवार को सभी कर्मचारी लामबंद हो गए और प्रदेश भर में जारी हड़ताल का समर्थन करते हुए अपना विरोध जताया। कर्मचारियों ने कहा कि राजस्थान सरकार की ओर से आगामी 2024 में सफाई कर्मचारियों की भर्ती निकली जा रही है। इस भर्ती में वाल्मीकि समाज को 100 प्रतिशत प्राथमिकता देने और पूर्व में कार्यरत अस्थाई सफाई कर्मचारियों को प्राथमिकता देने की मांग की गई है। जिससे कि उन्हें राहत मिल सकें।
(Udaipur Kiran) / संतोष / संदीप