जोधपुर, 30 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रेंज की इस टीम ने जोधपुर के आसोप थाने के सामने रात को एक ट्रक ट्रोला को पकड़ा है। खाली नजर आने वाले इस ट्रोले में वैक्यूम साइड में तहखाना बनाकर बड़ी मात्रा में गांजा लाया जा रहा था। पुलिस की इस टीम ने ट्रोले से 500 किलो से ज्यादा गांजा बरामद कर उसके चालक और खलासी को पकड़ा है। पकड़ा गया गांजा उड़ीसा से लाया गया है जोकि पंजाब और हरियाणा में सप्लाई होना था। अब तक की पूछताछ में सामने आया कि जेल में बैठे एक अपराधी की तरफ से ऑपरेट कर गांजा मंगाया गया है। मारवाड़ में गांजे का कारोबार भी शुरू किया जाना था। बरामद हुए गांजे की अनुमानित कीमत 70-80 लाख रुपये होना बताया गया है।
जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि नए साल के जश्र एवं शौक मौज के लिए मारवाड़ में मादक पदार्थों की तस्करी बढऩे की आशंका में साइक्लोनर टीम को सचेत कर रखा है। गोपनीय सूचना मिली कि उड़ीसा से गांजे से गांजे की बड़ी सप्लाई हुई है। जिस पर साइक्लोनर टीम को सचेत किया गया। इस टीम ने उड़ीसा से ही नजर रखनी शुरू कर दी और उसका पीछा करने लगी। बीच रास्ते एक ढाबे पर टीम रूकी तब संभवत : तस्करों को भनक लग गई कि साइक्लोनर टीम पीछे लगी हुई है। इसके बाद तस्करों ने अपने अपने फोन बंद कर दिए थे। उड़ीसा से लाए जा रहे ट्रक जोकि कई सीमाओं व रास्तों से निकला था। बाद में यह ट्रक ट्रोला रात को जोधपुर के आसोप थाने के सामने नाकाबंदी में पकड़ा जा सका।
आईजी रेंज विकास कुमार के अनुसार सबसे बड़ी बात है कि यह ट्रक ट्रोला जोधपुर से खाली गया था और वापिस खाली ही लौटा था। मगर जब साइक्लोनर टीम ने इसका बारिकी से निरीक्षण किया तो पता लगा कि ड्राइवर सीट और वैक्यूम पावर के बीच में एक तहखाना बना हुआ था, जिसमें प्लास्टिक बैज्स नजर आए जोकि गांजा था। ट्रक के तहखाने में दस- दस किलो की 42 और 4 -4 किलो के 20 पैकेट बना रखे थे। यानी तकरीबन 5 क्विलंट से ज्यादा यह गांजा मिला है। जिसकी अनुमानित कीमत 70-80 लाख रुपये है।
आईजी रेंज ने बताया कि इसमें रात को भोपालगढ़ के रहने वाले नरेश पुत्र जयकिशन एवं चैनाराम पुत्र पेमाराम को गिरफ्तार किया गया है। जिनसे अभी पूछताछ चल रही है। अभी तक पूछताछ में सामने आया कि जेल मेें बैठा अपराधी यह सब ऑपरेट कर रहा था। उसने यहां से खाली ट्रक ट्रोला भिजवाया और वापिस खाली मंगाया। ट्रक ट्रोले की अनुमानित कीमत 50 लाख है और तेल-टोल पर तकरीबन 1.50 लाख खर्च कर रिस्क खेला है। जेल में बैठे अपराधी का नाम सामने आया है। जिसको नामजद कर उसे भी पकड़ा जाएगा।
इतने बड़े स्तर पर गांजे का मारवाड़ में आकर कारोबार शुरू कर बाद में उसे पंजाब और हरियाणा में भेजे जाने की योजना में बड़े रैकेट का पता लग सकता है। इसके लिए रेंज पुलिस नारकोटिक्स विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई करेगी।
आरंभिक पड़ताल में रेंज आईजी ने बताया कि गांजे की सप्लाई उड़ीसा, आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना से होती है। मारवाड़ के रास्ते उसे कारोबार फैलाने के इरादे से इसकी इतनी बड़ी खेप पकड़ी गई है।
(Udaipur Kiran) / सतीश