Madhya Pradesh

हाईकोर्ट से जमीन घोटाले में गंगा पाठक के साथी द्वारका त्रिपाठी को मिली जमानत

हत्या की आरोपी केमेस्ट्री की महिला प्रोफेसर की हाईकोर्ट में दलील : सर, पोस्टमार्टम रूम में थर्मल बर्न और इलेक्ट्रिक बर्न में अंतर कर पाना संभव नहीं है

जबलपुर, 31 मई (Udaipur Kiran) । पत्रकार गंगा पाठक से जुड़े कथित जमीन फर्जीवाड़ा मामले में सह-आरोपी द्वारका प्रसाद त्रिपाठी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने त्रिपाठी की उम्र, परिस्थितियों और मामले के तथ्यों को देखते हुए जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में पत्रकार गंगा पाठक, उनकी पत्नी और अन्य आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ ईनाम भी घोषित किया है।

राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि यह गंभीर प्रकृति का अपराध है,लेकिन साथ ही यह माना कि पूछताछ पूरी हो चुकी है और आरोपी न्यायिक हिरासत में है।द्वारका त्रिपाठी की ओर से अदालत में प्रस्तुत किया गया कि उन्होंने 13 लाख रुपये की वैध राशि देकर जमीन खरीदी थी। बाद में उन्हें पता चला कि जमीन अनुसूचित जनजाति की थी, जिसे बेचना प्रतिबंधित है। द्वारका प्रसाद त्रिपाठी के अधिवक्ता रविशंकर यादव ने कोर्ट में बैंक खाता विवरण भी पेश किया, जिसमें वुडलैंड इंडस्ट्रीज नामक दलाल के खाते में पैसे ट्रांसफर होने की पुष्टि की गई। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें और असली जमीन मालिक को सतनामी नाम के दलाल ने झांसे में लेकर फंसाया। अदालत को बताया गया कि त्रिपाठी लगभग 70 वर्ष के बुजुर्ग हैं और लंबे समय से हिरासत में हैं। कोर्ट ने त्रिपाठी की उम्र, परिस्थितियों और मामले के तथ्यों को देखते हुए उन्हें जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए हैं । हाईकोर्ट ने द्वारका प्रसाद त्रिपाठी को 25 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के सॉल्वेंट ज़मानतदार की शर्त पर जमानत दी है। साथ ही यह स्पष्ट किया कि आरोपी को गवाहों को प्रभावित न करने और न्यायालय में उपस्थित रहने सहित फिर से अपराध न करने,जैसी कानूनी शर्तों का पालन करना होगा।

दरअसल, आरोप है कि एक अनुसूचित जनजाति की भूमि की अवैध रजिस्ट्री कर करोड़ों का सौदा किया गया। इस मामले में पत्रकार गंगा पाठक के साथ सह-आरोपी बनाए गए द्वारका प्रसाद त्रिपाठी को 8 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया था।

—————

(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

Most Popular

To Top