CRIME

मोबाइल टावर में लगे महंगे उपकरण की चोरी करने वाली गैंग का हुआ पर्दाफास

धौलपुर पुलिस ने 11 आरोपी दबोचे,करीब 70 लाख का सामान किया बरामद

धौलपुर, 26 जुलाई (Udaipur Kiran) । मोबाइल टावर में लगे महंगे उपकरण की चोरी करने वाली गैंग का हुआ पर्दाफास धौलपुर पुलिस ने 11 आरोपी दबोचे,करीब 70 लाख का सामान किया बरामद धौलपुर। धौलपुर जिला पुलिस ने मोबाइल टावरों में लगे मंहगे उपकरणों की चोरी करने वाली एक गेंग का पर्दाफास किया है। पुलिस ने इस गेंग के 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से मोबाइल टावरों से चुराये गये करीब 70 लाख रुपए के कीमती उपकरण भी बरामद किये हैं। इसमें मोबाइल टावरों पर लगे आरआरयू तथा बीटीएस खरीदने वाले अन्य आरोपी भी शामिल हैं,जिन्हें दिल्ली से गिरफ्तार कर करीब 50 लाख रूपये से अधिक की कीमत के महंगे उपकरण भी शामिल हैं।

साइबर सैल टीम द्वारा जिला धौलपुर व अन्य आस पास के जिलों में पांच सौ से अधिक सीसीटीवी केमरों के फुटेज एवं अन्य पहलुओं का तकनीकी विश्लेषण कर आरेापियों को चिन्हित कर गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये आरोपियों से पूछताछ की जा रही है,जिसके बाद में अन्य राज्यों में आरआरयू तथा बीटीएस चोरी की घटनाओं के खुलासे की संभावना है।

जिला पुलिस अधीक्षक सुमित मेहरडा ने बताया कि जिले में बीते 4 माह से मोबाइल टावरों पर लगे आरआरयू तथा बीटीएस जैसे महंगे उपकरणों की चोरी की घटना घटित हो रही थीं। ऐसे ही एक मामले में बसेडी निवासी सतीश कौशिक ने बाताया कि वह इन्डस मोबाईल टावर कम्पनी में सुपरवाईजर है। इस कंपनी के मडोना, किरी बाडी, ननोखर, रिको धौलपुर, चिलाचौंद, रेबई, मीनेश्वर कोलोनी, हाऊसिंग बोर्ड, सरमथुरा, बागचोली थार, सेमरा, पुराबख्तू, मस्तूरा, समौना, रेल्वे स्टेशन के पास मनियां, अशोक विहार धौलपुर, कैथरी, कंचनपुर, सरानी, पुरेनी तथा पचगांव में लगे हुये मोबाईल टावरों से कई बार महंगे उपकरणों की चोरी हो रही है। इस संबंध में संबंधित थानों में एफआईआर भी दर्ज करायीं गयीं हैं। चोरी की यह वारदातें मोबाइल टाबरों से महंगे उपकरणों आरआरयू और बीटीएस की चोरी मोबाइल टावरों के ऊपर चढ़ कर की जा रही है। चोरी करनेके तरीके से यह भी ज्ञात हो रहा था कि चोरी में शामिल लोग मोबाइल टावरों पर काम कर चुके हैं और उपकरणों की उपयोगिता व कीमत से अच्छे से वाकिफ हैं। धौलपुर जिले में मोबाइल टावरों में लागातार चोरी की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुये रामनरेश मीणा उप निरीक्षक थानाधिकारी थाना सदर धौलपुर एवं साईबर सैल के प्रभारी नरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में बनाई गयी। इस विशेष टीम द्वारा मोबाइल टावरों में काम करने वाले व पूर्व में काम कर चुके व्यक्तियों की एक सूची तैयार की गई। सूची में शामिल व्यक्तियों पर निकटतम तरीके से नजर रखने की गठित टीमों को हिदायत की गई। धौलपुर शहर में हुई चोरी की वारदात की सीसीटीवी फुटेजों का तकनीकी विष्लेशण किया गया। फुटैज में दिखे लोगों की पहचान होने पर उनके सहयोगियों तथा सूची में शामिल लोगों की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की गई उन पर लागातार निगरानी रखी गई। तकनीकी अनुसंधान से मालुमात करने पर पता चला कि चोरी की घटना घटित होने के बाद उक्त गिरोह का एक या दो सदस्य दिल्ली जाते हैं तथा उक्त गिरोह के द्वारा चोरी किये मोबाईल टावरों के उपकरणों आरआरयू तथा बीटीएस को दिल्ली में बेचा जाता है। इसके बाद में पुलिस की टीम ने इस गेंग के 11 आरेापियों को धर दबोचा।

एसपी ने बताया कि गिरफ्तार किये गये आरोपियों में अर्जुन सैन एवं राजू बघेल निवासी कायस्थ पाडा न्यू कोलोनी बाडी जिला धौलपुर, राजू सैन निवासी धनोरा रोड बाडी जिला धौलपुर, कुलदीप गुर्जर, भूरा गुर्जर, परमाल सिंह, अजय उर्फ कल्ली एवं रिंकू गुर्जर निवासी धीमरी थाना बाडी सदर जिला धोलपुर तथा करतार गुर्जर निवासी खूडा थाना मासलपुर जिला करौली, सुरेन्द्र गुर्जर निवासी परउआ थाना घडी बाजना जिला भरतपुर तथा असलम खान निवासी जाकिर कोलोनी हापुड रोड मेरठ उप्र शामिल हैं।

पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि गिरफ्तार किये गये आरोपी अर्जुन सैन एवं राजू बघेल राजस्थान के धौलपुर,अजमेर एवं जोधपुर के साथ-साथ उप्र एवं बिहार में मोबाइल टावरों पर काम कर चुके हैं तथा टावरों के उपकरणों की जानकारी रखते हैं। एसपी ने बताया कि आरोपियों द्वारा चोरी के बाद में मोबाइल टावरों के उपकरण आरआरयू तथा बीटीएस को दिल्ली में सरीन आग इलाके में असलम खान को बेचा जाता था। इसके बाद में पुलिस की एक टीम दिल्ली भेजी गई। जहां से उक्त आरोपी को गिरफ्तार कर मोबाइल टावरों के उपकरण आरआरयू तथा बीटीएस को बरामद किया गया। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार किये आरोपियों से पूछताछ में बाद में जोधपुर, गंगापुर सिटी, सीकर, झुन्झुनू, अजमेर, खाटू श्यामजी, सवाईमाधोपुर और करौली में ऐसी ही घटनाओं का खुलासा हुआ है। इसके बाद में चोरी के अन्य उपकरणों की बरामदगी के प्रयास किये जा रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / प्रदीप

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