Uttar Pradesh

गांधी की वैचारिकी और दर्शन एक सम्पूर्ण जीवन कला : प्रो. मनमोहन कृष्ण

प्रोफेसर

-इविवि के गांधी विचार एवं शांति अध्ययन में दो वर्षीय परास्नातक पाठ्यक्रम शुरू

प्रयागराज, 09 सितम्बर (Udaipur Kiran) । महात्मा गांधी की वैचारिकी और दर्शन एक सम्पूर्ण जीवन कला है। जिसमें सभी समस्याओं का समाधान निहित हैं। यह बातें सोमवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के आचार्य प्रोफेसर मनमोहन कृष्ण ने गांधी संस्थान के सभागार कक्ष में संस्थान के गांधी विचार एवं शांति अध्ययन में दो वर्षीय परास्नातक पाठ्यक्रम के शुभारम्भ पर कहीं।

उन्होंने कहा कि गांधी पर इस पाठ्यक्रम की बहुआयामी और बहुविधि उपयोगिता होगी। वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में जहां एक ओर संस्कृतियों का विघटन हो रहा है, उपभोगवादी प्रकृति चरम पर है तथा मानवीय एवं सामाजिक मूल्यों तथा नैतिकता का क्रमिक ह्रास हो रहा है। इन परिस्थितियों में गांधी संस्थान का यह पाठ्यक्रम उच्चकोटि के शोधार्थियो को तैयार करके सामाजिक सेवा का स्तुत्य प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम संचालन मे इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिये कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के साथ उनका चरित्र निर्माण भी हो।

संस्थान के समन्वयक डॉ अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने विषय प्रवर्तन करते हुए संस्थान के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस संस्थान का उद्घाटन नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा ने सन् 1976 में किया था। नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप संचालित यह पाठ्यक्रम 02 वर्षों और चार सेमेस्टर का होगा तथा प्रत्येक सेमेस्टर 20 क्रेडिट के साथ कुल 80 क्रेडिट का होगा। उन्होंने कहा कि गांधी दर्शन और शांति अध्ययन में पहली बार इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से नई पीढ़ी को महात्मा गांधी पर उच्चतम कोटि के शोध, नवाचारों और समाज उपयोगी अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा और श्रेष्ठतम कोटि के शोधार्थी तैयार किये जा सकेंगे। उन्होंने संस्थान के प्रथम निदेशक रहे स्व0 प्रो0 जेएस माथुर स्मृति मासिक व्याख्यान माला का अक्टूबर से शुभारम्भ की उद्घोषणा की।

निदेशक प्रो राकेश सिंह ने स्वागत उद्बोधन में संस्थान की भविष्य यात्रा पर चर्चा की तथा संस्थान की कार्य प्रणाली पर प्रकाश डाला। संचालन संस्थान के शिक्षक डॉ सुरेन्द्र कुमार तथा आभार ज्ञापन समन्वयक डॉ अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने किया। इविवि की पीआरओ प्रो. जया कपूर ने बताया कि इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकगण प्रो. रजनीश कुमार, डॉ नीलेष आनन्द, डॉ उत्तम सिंह, डॉ अभिषेक कुमार, डॉ अतुल नारायण, डॉ हरिवंश कुमार, डॉ सुनील वशिष्ठ, डॉ कॅुवर साहब सिंह सहित संस्थान के नवप्रवेशी विद्यार्थी, विश्वविद्यालय के शिक्षकगण तथा भारी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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