
नई दिल्ली, 15 अप्रैल (Udaipur Kiran) । केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को भारत मंडपम में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में हर साल एक लाख 80 हजार लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को सड़क इंजीनियरिंग की खामियों को सुधारने की हिदायत देते हुए कहा कि ऐसा करने से कम से कम 40 हजार लोगों की जान प्रतिवर्ष बचेगी।
केंद्रीय मंत्री गडकरी राजमार्ग अवसंरचना के विकास, रखरखाव और नवाचार में नए मानक स्थापित करने वाले विजेताओं को राष्ट्रीय राजमार्ग उत्कृष्टता पुरस्कार-2023 प्रदान करने के बाद संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा भी उपस्थित थे।
गडकरी ने अधिकारियों से सवाल किया कि सड़क हादसों में लोगों की जान बचाना हमारी जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि सड़क इंजीनियरिंग में कोई कमी है तो हमें उसे सुधारें। उन्होंने हादसों में लोगों की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि सड़क हादसों 18-34 साल के 60 प्रतिशत युवा जान गंवा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से संवेदनशीलता के साथ सड़क इंजीनियरिंग की खामियों को सुधारने की हिदायत देते हुए ऐसा करने से कम से कम 40 हजार लोगों की जान प्रतिवर्ष बचेगी।
उन्होंने प्रतिदिन सड़क निर्माण का औसत लक्ष्य बढ़ाने की सलाह देते हुए कहा कि इस लक्ष्य का हासिल करने के लिए सकारात्मकता से काम करना होगा।
गडकरी ने अधिकारियों को पारिस्थितिकी पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हम कई बातों में सुधार करके विश्व के नंबर एक नेशनल हाईवे क्वालिटी नेटवर्क बन सकते हैं। हम अभी सबसे बड़ा रोड नेकवर्क हैं। अभी देश में 62 लाख किमी सड़क है और उसमें से 40 प्रतिशत नेशनल हाईवे में है।
गडकरी ने कहा कि पिछले 11 साल में किसी अधिकारी पर कानून के दायरे से बाहर जाकर कोई काम करने का दबाब नहीं बनाया। सड़क बनाने के कार्य को लाभ का विषय बताते हुए उन्होंने कहा कि यदि हम अधिक रोड नहीं बनाएंगे तो एनएचएआई और मंत्रालय का नुकसान करेंगे। उन्होंने कहा कि अच्छी सड़क बनाने पर टोल से आमदनी हो होगी।
गडकरी ने सड़क निर्माण परियोजना के लिए कार्यक्षेत्र में परिवर्तन (सीओएस) और समय विस्तार (ईओटी) दोनों के अनुरोध संबंधी सीओएस ईओटी प्रस्ताव को लेकर कहा कि अधिकारियों को इसको लटकाने के बजाय शीघ्र निर्णय करना चाहिए। बैंक गारंटी को सालों तक लटकाने पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि हम पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और शीघ्र निर्णय लें।
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
