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देश की प्रगति में छत्तीसगढ़ की अग्रणी भूमिका : जी. किशन रेड्डी

मंत्रालय में खनिज विभाग के कामकाज की समीक्षा करते मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी

– मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने खनिज विभाग के कामकाज की समीक्षा की

– देश में एक बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त करने में जताई खुशी, देश के पहले लिथियम ब्लॉक का कंपोजिट लाइसेंस का अनुबंध

रायपुर, 11 अप्रैल (Udaipur Kiran) । केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में खनिज विभाग की समीक्षा बैठक ली। इसमें छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा, अन्वेषण कार्यों, तकनीकी नवाचारों और राजस्व उपलब्धियों की विस्तृत समीक्षा की गई। केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने खनन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त की और देश की प्रगति में राज्य की अग्रणी भूमिका की बात कही। उन्होंने वर्ष 2024-2025 में देश में कोयला उत्पादन में 01 बिलियन टन का लक्ष्य हासिल करने पर खुशी जाहिर की और इसे पाने में छत्तीसगढ़ के योगदान को सराहा।

इस मौके पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने देश के पहले लिथियम ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस अनुबंध दस्तावेज सफल बोलीदाता के प्रतिनिधि को सौंपे। साथ ही दंतेवाड़ा जिले के तीन और कांकेर जिले के एक लौह अयस्क ब्लॉक के प्रीफर्ड बिडर आदेश प्रदान किए। केंद्रीय खान मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, चूना पत्थर जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के साथ-साथ देश का एकमात्र टिन उत्पादक राज्य होने का गौरव भी छत्तीसगढ़ को प्राप्त है।

रेड्डी ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में ‘क्रिटिकल मिनरल्स’ और खनन क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ ने इस दिशा में जो अग्रणी कदम उठाए हैं, वे भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खनिज संसाधनों के अन्वेषण, सतत उपयोग और खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़, खनिज क्षेत्र में अपनी मजबूत भूमिका निभाते हुए देश के समग्र विकास में प्रभावी योगदान देता रहेगा।

केंद्रीय मंत्री ने अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान देश की सबसे बड़ी कोयला खदान गेवरा के निरीक्षण का ज़िक्र किया। उन्होंने खदान में किए जा रहे नवाचारों और अत्याधुनिक तकनीकों की भी सराहना की। उन्होंने गेवरा में जापानी मियावाकी तकनीक से विकसित वृक्षारोपण स्थल का उल्लेख करते हुए इस पहल के वृहद स्तर पर उपयोग की भी बात कही। उन्होंने खनन प्रभावित क्षेत्रों में पीएम सूर्य घर योजना के तहत सौर विद्युत उपलब्ध कराने की भी बात कही। उन्होंने खनन क्षेत्रों में बढ़ रहे यातायात के दबाव एवं नागरिक सुरक्षा को देखते हुए कोयला परिवहन के लिए बनाए जा रहे डेडिकेटेड कोल कॉरिडोर की प्रगति की भी जानकारी ली।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज की यह समीक्षा बैठक प्रदेश में कोयला एवं खनन के क्षेत्र के लिए लाभदायक होगी। हम केंद्र सरकार के साथ आवश्यक समन्वय करते हुए खनन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की भागीदारी को और अधिक प्रभावशाली बनाएंगे। विकसित भारत के निर्माण में हमारा राज्य खनिज क्षेत्र के माध्यम से एक मजबूत स्तंभ बने, यही हमारा लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री के सचिव और खनिज साधन विभाग के सचिव पी. दयानंद ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा संचालित खनन गतिविधियों एवं नीतियों की विस्तृत जानकारी दी। पी दयानंद ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ ने लगभग 14,195 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व अर्जित किया है, जो प्रदेश की कुल आय का 23 प्रतिशत और जीएसडीपी का 11 प्रतिशत है। खनिज ऑनलाइन पोर्टल, क्लाउड बेस्ड व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसी पहल से पारदर्शिता एवं दक्षता सुनिश्चित की गई है। वहीं गौण खनिजों के लिए स्टार रेटिंग प्रणाली, वैज्ञानिक पद्धति से माइनिंग और पर्यावरण सुरक्षा के साथ सतत खनन को बल मिला है।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा भारत का पहला लिथियम ब्लॉक, ई-नीलामी के माध्यम से कोरबा जिले के कटघोरा क्षेत्र में माईकी साउथ माइनिंग प्रा. लि. को 76.05 प्रतिशत की उच्चतम बोली के साथ आवंटित किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा ई-ऑक्शन के माध्यम से दंतेवाड़ा और कांकेर जिलों के कुल चार लौह अयस्क ब्लॉक्स के लिए उच्चतम बोलीदाताओं आर्सेलर मित्तल, रूंगटा सन्स और सागर स्टोन को आवंटित किया गया है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, सचिव अंकित आनंद, कोयला मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव श्रीमती रुपिंदर बराड़, संयुक्त सचिव बी. पी. पति, कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन पी. एम. प्रसाद, एसईसीएल के सीएमडी हरीश दुहन, खनिज संचालक सुनील जैन एवं इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस के अधिकारी सहित केंद्र तथा राज्य सरकार के खनिज विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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(Udaipur Kiran) / गायत्री प्रसाद धीवर

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