Chhattisgarh

जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास के संरक्षण-संवर्धन के लिए भावी पीढ़ी निभाए सक्रिय भूमिका : केदार कश्यप

जनजातीय गौरव दिवस

जगदलपुर, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि आज हम सभी बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती मनाते हुए गौरवान्वित हो रहे हैं। हमारे जनजातीय समाज के महापुरूषों ने देश की आजादी, संस्कृति और जल-जंगल जमीन की रक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दी थी। इन जन नायकों के योगदान को सदैव स्मरण रखने सहित जनजातीय परम्परा, संस्कृति, धरोहर को बनाए रखने के लिए हमें संकल्प लेना होगा। हमारे गौरवशाली इतिहास को जानने-समझने सहित संरक्षण-संवर्धन के लिए भावी पीढ़ी को आगे आकर सहभागिता निभाना होगा। जिससे इन वीर शहीदों की स्मृति चिरस्थाई बनी रहे। इस मौके पर विधायक चित्रकोट विनायक गोयल ने भी सम्बोधित करते हुए जनजातीय समाज के वीर योद्धाओं के योगदान को रेखांकित किया। जनजातीय गौरव दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के जमुई से भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती वर्ष समारोह की शुरुआत की। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट का अनावरण भी किया और उन्होंने राष्ट्र के नाम अपना संबोधन दिया, जिसका सीधा प्रसारण का जगदलपुर के टाउन हाल में वन मंत्री केदार कश्यप की मुख्य अतिथ्य में उपस्थित अतिथियों ने प्रसारण को देखा। इस अवसर पर चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप, महापौर सफीरा साहू, पूर्व सांसद दिनेश कश्यप, पूर्व विधायक लच्छूराम कश्यप, बैदूराम कश्यप सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि और कमिश्नर डोमन सिंह, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, जिला पंचायत सीईओ प्रतिष्ठा ममगाई, नगर निगम आयुक्त निर्भय साहू, सहायक आयुक्त आदिवासी जीएस शोरी सहित अन्य अधिकारी और जनजाति समुदाय के सदस्य तथा स्कूली बच्चे उपस्थित थे।

कार्यक्रम में कलेक्टर हरिस एस. ने स्वागत उदबोधन देते बताया कि जनजातीय गौरव दिवस आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान और बलिदानों को सम्मानित करने तथा आमजन एवं भावी नागरिकों को उनके बलिदान से प्रेरणा लेने के लिए मनाया जाता है। वर्ष 2021 को केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 15 नवंबर को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में इसे जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया था, तभी से प्रतिवर्ष 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष कार्यक्रम का थीम “सामाजिक, आर्थिक विकास, आजीविका एवं उद्यमिता, कला-संस्कृति एवं धरोहर, शिक्षा और कौशल विकास, स्वास्थ्य एवं जीवन शैली है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों के हितों का संरक्षण एवं संवर्धन करना है। कलेक्टर श्री हरिस ने बस्तर संभाग के वीर- वीरांगनाओं को नमन करते हुए उनके नाम का उल्लेखित किया और उनके द्वारा स्वतंत्रता संग्राम, संस्कृति तथा जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए किए गए संघर्ष को रेखांकित किया।

जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम के अवसर पर टाउन हाल में वन मंत्री केदार कश्यप ने पारंपरिक वेशभूषा, आभूषण की प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए वेशभूषा का क्रय भी किए। बीएसएनएल के सिम स्टाल में फीता काटकर विक्रय की शुरुआत किया। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने जनजाति समुदाय के नागरिकों द्वारा प्रतिदिन उपयोग की जानी वाली औजार, खान-पान, संस्कृति के संबंधित धरोहर के प्रतीकों का अवलोकन किया। इसके साथ ही जनजातीय खान-पान का स्वाद भी लिए और स्वास्थ्य विभाग के स्टाल में अपना स्वास्थ्य जांच करवाए। कार्यक्रम में शहीद परिवार के सदस्यों को सम्मानित किए, साथ ही जिले के उत्कृष्ट खिलाड़ियों, बस्तरिया वेशभूषा-आभूषण बनाने वाली दल, एफआरए के हितग्राहियों को बीज का मिनी कीट प्रदाय किया।

(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे

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