मुंबई, 26 मार्च (हि.सं.)। मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के फनल जोन क्षेत्र के दायरे में आने वाली इमारतों के पुनर्विकास का रास्ता साफ होता दिखाई दे रहा है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने डीसीपीआर में संशोधन की घोषणा की है. इससे ऊंचाई को लेकर लगाए गए प्रतिबंध से राहत मिलेगी और फनल जोन की पुरानी इमारतों का पुनर्विकास किया जा सकेगा। इससे 6 हजार इमारतों में रहने वाले लगभग 6 से 8 लाख लोगों को फायदा मिलेगा.
‘नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा सुरक्षा को लेकर लगाए गए ऊंचाई प्रतिबंधों के कारण मुंबई हवाई अड्डे के रनवे फनल जोन में स्थित 6 हजार से अधिक इमारतों का पुनर्विकास अधर में लटका हुआ है। विले पार्ले, सांताक्रूज़, कुर्ला और घाटकोपर (पश्चिम) में रहने वाले 6 से 8 लाख लोग अपनी इपनी इमारतों के पुनर्विकास को लेकर अनिश्चित स्थिति में हैं। इस क्षेत्र में झुग्गियों का पुनर्विकास भी प्रभावित हो रहा है। इस मसले का हल निकालने की मांग लंबे अर्से से हो रही है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को विधानमंडल के दोनों सदनो में कहा कि बृहन्मुंबई विकास नियंत्रण और संवर्धन नियम-2034 में एक अलग प्रावधान किया गया है। इससे प्रभावित इलाकों में पुरानी इमारतों के पुनर्विकास में लाभ मिलेगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि फनल जोन में इमारतों की ऊंचाई की सीमा तय है। इस क्षेत्र में पुरानी इमारतों का पुनर्विकास पूरे क्षेत्र (बेसिक + प्रीमियम एफएसआई + टीडीआर) पर करना संभव नहीं है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की ओर से बार-बार इमारतों के पुनर्विकास की मांग उठ रही है। ग्रेटर मुंबई विकास नियंत्रण और संवर्धन नियम-2034 में एक अलग प्रावधान करने की मंजूरी दी गई है। इससे फनल जोन में पुरानी इमारतों के पुनर्विकास की सुविधा के लिए नियमों में विशिष्ट प्रावधान किए जा सकेंगे। इसके लिए महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन अधिनियम, 1966 की धारा 37 (1एए) के तहत बदलाव किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / वी कुमार
