शिमला, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में विगत दो वर्षों में फल उत्पादन में वृद्धि हुई है। राज्य में फलों का उत्पादन छह लाख मीट्रिक टन के पार पहुंच गया है।वर्तमान में राज्य में लगभग 2.36 लाख हेक्टेयर भूमि पर बागवानी गतिविधियां की जाती हैं, जिसमें 6.38 लाख मीट्रिक टन फलों का उत्पादन हुआ है। एक सरकारी प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 25,829 मीट्रिक टन मशरूम का उत्पादन, 4,081 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन दर्ज किया गया है और 659 हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती की गई है। इससे ग्रामीण लोगों की आर्थिकी को संबल मिल रहा है और राजस्व के नए स्रोत सृजत हो रहे हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार बागवानी क्षेत्र के विस्तार को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। इसके अन्तर्गत प्रदेश में 8,085 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को फलों की खेती के अंतर्गत लाया गया है। प्रदेश में नर्सरियों में फलों की गुणवत्तापूर्ण पौध तैयार की जा रही है।
उन्होंने कहा कि नर्सरियों में 25.12 लाख फलों के पौधे तैयार किए और 27.64 लाख से अधिक पौधे बागवानों को वितरित किए गए हैं। बागवानों को उच्च गुणवत्तायुक्त पौधे प्रदान करने के लिए 226 नर्सरियां और 160 बड वुड बैंक हिमाचल प्रदेश फल नर्सरी पंजीकरण और विनियमन अधिनियम, 2015 के तहत पंजीकृत किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पौध संरक्षण दवाओं पर 13.64 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं और फलदायी पौधों के संरक्षण के लिए 288.55 मीट्रिक टन दवायें फल उत्पादकों को उपलब्ध करवाई गई। प्रदेश में 1,195 हेक्टेयर बागवानी भूमि अब जैविक कीट नियंत्रण से लाभान्वित हो रही है और लगभग 542 बागवानों को इन विधियों में प्रशिक्षित किया गया है। सरकार की इस पहल से बागवानों को स्वस्थ पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित हो रही है।
प्रवक्ता के मुताबिक प्रदेश में मंडी मध्यस्थता योजना के अन्तर्गत 819 खरीद केंद्र स्थापित किए गए, जिससे बागवानों से सेब, आम और नींबू प्रजाति के फलों की बिक्री की सुविधा मिल रही है। इस योजना से 10,753.79 लाख रुपये के 89,615.05 मीट्रिक टन सेब, 1.55 लाख रुपये के 12.90 मीट्रिक टन आम और 5.85 लाख रुपये के 50.61 मीट्रिक टन नींबू प्रजाति के फलों की खरीद की गई।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा