Uttar Pradesh

सोने की लंका जलकर हुई भस्म, सीता की खोज से लेकर लंका दहन तक का मंचन

माता सीता की खाेज में अशाेक वाटिका पहुंचे श्रीहनुमान

– श्रीविंध्य प्राचीन रामलीला कमेटी के तत्वावधान में स्व. रविंद्र नाटय रामलीला मंचन का सातवां दिन

मीरजापुर, 26 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । विंध्याचल के मोती झील मार्ग पर श्रीविंध्य प्राचीन रामलीला कमेटी के तत्वावधान में स्व. रविंद्र नाटय रामलीला मंचन के सातवें दिन दर्शकों का रेला लगा रहा। माता सीता की खोज से लेकर लंका दहन तक का मंचन किया गया। रामलीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्रीविंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी व मंत्री भानु पाठक एवं समाज के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने हनुमानजी की आरती व पूजन कर किया।

रामलीला के क्रम में सुग्रीव की सेना समुद्र किनारे पहुंचती हैं और लंका पार करने के उपाय सोचने लगती हैं। उसी समय जामवंत ने हनुमान को शक्तियों का ध्यान दिलाया। हनुमान लंका में प्रवेश करते हैं तो लंकिनी से मुलाकात होती है और वह बताती है कि हम लंका के पहरेदार हैं। युद्ध में वह मारी जाती है। हनुमान की विभिषण से मुलाकात होने पर विभिषण ने बताया कि बताया रावण ने माता जानकी को अशोक वाटिका में कैद कर रखा है। अशोक वाटिका में माता जानकी से मुलाकात करने के लिए हनुमानजी ने पेड़ की डाली पर चढ़कर राम-राम जपना शुरू किया।

हनुमानजी को भूख लगी सीता की आज्ञा पाकर अशोक वाटिका में लगे फलों को खाने लगे। रावण की सेना हनुमान को पकड़ने के लिए आती है, लेकिन हनुमान सभी को मार कर भगा देते हैं। इसकी सूचना माली ने रावण को दी तो वह मेघनाथ को हनुमान को पकड़ने का आदेश देते हैं। अशोक वाटिका में मेघनाथ ब्रह्मशक्ति का प्रयोग कर हनुमान को बंदी बनाकर रावण दरबार में पेश करते हैं। रावण पूछ में आग लगाने का आदेश देता है। पूछ में आग लगते ही हनुमान सोने की लंका को जलाकर भस्म में कर देते हैं। इसी के साथ लीला का समापन होता है।

इसके पूर्व रामलीला कमेटी के संरक्षक प्रकाशचंद पांडेय व कार्यकारिणी अध्यक्ष रामेश्वर त्रिपाठी ने अंगवस्त्र एवं माला पहनाकर अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया। मुख्य अतिथि पिछड़ा आयोग उपाध्यक्ष सोहनलाल श्रीमाली ने कहा कि जब हम छोटे थे तो जमीन पर बैठकर प्रभु की लीलाएं देखा करते थे। 44 वर्षों से लगातार लीलाएं होती चली आ रही हैं।

पंडा समाज अध्यक्ष के पंकज द्विवेदी व मंत्री भानु पाठक ने कहा कि विंध्यधाम की रामलीला धरोहर के रूप में विख्यात है। इस रामलीला को ओर भव्य दिव्य रूप दिए जाने को लेकर समाज की ओर हर तरह से सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने रामलीला समिति को आश्वासन दिया कि प्रभु श्रीराम का भव्य मंच तैयार किया जाएंगा। इसके लिए समिति पत्र लिखकर दें ताकि आने वाले समय में भव्य और दिव्य तरीके से रामलीला का मंचन किया जाए।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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