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जून से शिमला में 24 घंटे पेयजल सप्लाई की कवायद, सतलुज नदी से पहुंचेगा पानी

फाइल फोटो : शिमला

शिमला, 12 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । राजधानी शिमला में जून माह से 24 घंटे पेयजल सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए कार्य तेज़ी से जारी है। शहर को सतलुज नदी से पानी पहुंचाया जाएगा, जिसके लिए पाइपलाइन बिछाने का काम लगभग 90 फीसदी पूरा हो चुका है। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत शकरोड़ी से शिमला तक पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी जिससे शहर के निवासियों को पानी की किल्लत से निजात मिलेगी।

नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान ने बुधवार को पेयजल प्रोजेक्ट का जायज़ा लेने के लिए शकरोड़ी और द्वाडा का दौरा किया। उनके साथ नगर निगम की उप महापौर उमा कौशल, पेयजल कंपनी के अधिकारी और नगर निगम के पार्षद भी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान महापौर ने अधिकारियों को कार्य में और तेज़ी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने बिजली बोर्ड को भी जल्द से जल्द ट्रांस्फॉर्मर लगाने के आदेश दिए ताकि परियोजना समय पर पूरी हो सके।

मार्च तक पूरे होंगे पंप हाउस और स्टोरेज टैंक

नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार पाइपलाइन बिछाने का कार्य 90 फीसदी पूरा हो चुका है और मार्च महीने तक पंप हाउस और स्टोरेज टैंक बनाने का कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा। शकरोड़ी से सतलुज नदी का पानी शिमला तक लाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे जल आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा न आए।

42 एमएलडी पानी मिलेगा शिमला को

24 घंटे पेयजल प्रोजेक्ट के तहत शिमला को 42 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) पानी की सप्लाई की जाएगी, जिससे शहर में पेयजल संकट खत्म होगा। यह व्यवस्था वर्ष 2035 तक के लिए की गई है। परियोजना के तहत 2035 तक पानी की मांग को पूरा करने के बाद, इसे और बढ़ाने की योजना है।

पेयजल कंपनी के अनुसार 2050 तक शिमला को 65 एमएलडी पानी की आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए भविष्य में और विस्तार किए जाने की योजना है ताकि शिमला की बढ़ती जनसंख्या की जल आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

ट्रांस्फॉर्मर लगाने में आ रही बाधा

महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि इस पेयजल परियोजना में 66 केवी के ट्रांस्फॉर्मर लगाए जाने हैं जिनके लिए एफसीए (वन क्लीयरेंस) की मंजूरी अभी बाकी है। हालांकि 66 केवी ट्रांस्फॉर्मर के लिए कंपनी ने बिजली बोर्ड को 59 करोड़ रुपए की राशि पहले ही जमा कर दी है।

महापौर ने अधिकारियों को जल्द से जल्द ट्रांस्फॉर्मर लगाने के लिए पत्र लिखने के निर्देश दिए ताकि पेयजल सप्लाई में किसी तरह की देरी न हो।

उन्होंने कहा कि परियोजना को समय पर पूरा करना उनकी प्राथमिकता है और इसके लिए सभी संबंधित विभागों के साथ तालमेल बनाकर काम किया जा रहा है।

बता दें कि शिमला में लंबे समय से पेयजल संकट की समस्या बनी हुई है। गर्मियों के मौसम में पानी की कमी के कारण स्थानीय लोगों और पर्यटकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस 24 घंटे पेयजल सप्लाई प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद शिमला के निवासियों को पानी की किल्लत से राहत मिलेगी। सतलुज नदी से पानी की सप्लाई होने से शिमला में पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से हो सकेगी और भविष्य में पानी की मांग को भी पूरा किया जा सकेगा।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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