– संभागायुक्त ने ली प्रदूषण नियंत्रण मंडल की बैठक
भोपाल, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । भोपाल शहर में पर्यावरण की दृष्टि से वर्ष 2024 में अभी तक सभी दिन गुड-डे रहे हैं। वर्ष 2019 में 94 फीसदी, वर्ष 2020 में 92 फीसदी, वर्ष 2021 में 93 फीसदी, वर्ष 2022 में 96 फीसदी तथा वर्ष 2023 में 94 फीसदी दिन पर्यावरण के मानकों की दृष्टि से “गुड-डे” माने गए। यह जानकारी बुधवार को संभागायुक्त संजीव सिंह की अध्यक्षता में कमिश्नर कार्यालय के सभाकक्ष में सम्पन्न मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मंडल की बैठक में दी गई।
संभागायुक्त सिंह ने निर्देश दिए कि वर्ष के शेष महीनों में भी विशेष प्रयास किए जाएं जिससे पूरे वर्ष भोपाल शहर “गुड-डे” श्रेणी में रहे। बैठक में प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय संचालक बृजेश शर्मा, नगर निगम आयुक्त हरेन्द्र नारायण तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा देश में “नेश्नल क्लीन एयर प्रोग्राम” चलाया जा रहा है जिसमें भोपाल सहित मध्यप्रदेश के इंदौर, सागर, देवास, उज्जैन, ग्वालियर एवं जबलपुर शहर शामिल हैं। अभियान में केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2026 तक पर्यावरण मानक “पी.एम.10” की सघनता में 40% कमी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बैठक में बताया गया कि भोपाल शहर में वायु गुणवत्ता मानीटरिंग का आंकलन 7 स्थानों पर किया जा रहा है जिनमें 4 स्थानों पर यह मूल्यांकन मैन्युअली और तीन स्थानों पर कन्टीन्यूअस आटोमेटेड स्टेशन के माध्यम से किया जा रहा है। बैठक में शहर में पर्यावरण सुधार के लिए ई-व्हीकल का इस्तेमाल बढ़ाए जाने, वाहनों के पीयूसी सर्टीफिकेट की जांच किए जाने, लेफ्ट टर्न की संख्या बढ़ाए जाने, निर्माणाधीन भवनों में ग्रीन नेट लगाए जाने, भवनों के मलबे आदि का निष्पादन किए जाने, पलारी न जलाए जाने, शहर में संचालित कोयले/लकड़ी के तंदूरों को क्लीन फ्यूल में बदले जाने आदि सुझाव दिए गए।
संभागायुक्त् ने सुझावों पर अमल के निर्देश संबंधितों को दिए। पर्यावरण सुधार के लिए भारत के स्वच्छतम शहरों की सक्सेस स्टोरी अध्ययन कर उसका अनुकरण किए जाने के निर्देश भी दिए गए।
(Udaipur Kiran) तोमर