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समावेशिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारी समृद्ध विरासत हैः उपराष्ट्रपति

భారత్ ప్రపంచంలోనే అత్యంత పురాతన

कोयंबटूर, 27 अप्रैल (Udaipur Kiran) । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि भारत विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता है, एक शांतिप्रिय देश है, जहां समावेशिता और अभिव्यक्ति एवं विचार की स्वतंत्रता हमारी विरासत है।

तमिलनाडु के कोयंबटूर में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय में विविधतापूर्ण भारत के लिए कृषि शिक्षा, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा विषयक सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यदि हम हजारों वर्षों के इतिहास पर नजर डालें तो पाएंगे कि हमारी सभ्यता में समावेशिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बढ़ी है, फली-फूली है और उसका सम्मान किया गया है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में अभिव्यक्ति और समावेशिता की बहुलता और प्रवणता विश्व में सबसे अधिक है। चारों ओर देखिए, भारत जैसा कोई अन्य देश नहीं है जो समावेशिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रदर्शन कर सकता है।

इस महान देश के नागरिक के रूप में- सबसे बड़े लोकतंत्र, सबसे पुराने लोकतंत्र, सबसे शक्तिशाली लोकतंत्र – हमें बहुत सावधान, सचेत रहना चाहिए और यह समझना चाहिए कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और समावेशिता हमारी राष्ट्रीय परिसंपत्ति बननी चाहिए।

कृषि क्षेत्र के बारे में उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि हमें खाद्य सुरक्षा से आगे बढ़कर किसानों की समृद्धि की ओर बढ़ना होगा। किसान समृद्ध होना चाहिए और यह विकास तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों से निकलना चाहिए।

उन्होंने बताया कि किसानों को कृषि भूमि से बाहर आकर अपने उत्पादों के विपणन में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को सिर्फ उत्पादक होने के बारे में नहीं भूलना चाहिए। इसका मतलब है कि वे कड़ी मेहनत और अथक परिश्रम से फसल उगाते हैं और उसे सही समय पर बाजार में बेचते हैं, जबकि उन्हें उसका मालिकाना हक नहीं होता। इससे आर्थिक दृष्टि से बहुत लाभ नहीं होता। उन्होंने किसानों को शिक्षित करके उन्हें सशक्त बनाने का आह्वान किया तथा उन्हें यह बताया कि सरकार की सहकारी प्रणाली बहुत मजबूत है।

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि, तमिलनाडु सरकार के मानव संसाधन प्रबंधन मंत्री एन कयालविजी सेल्वराज, कृषि उत्पादन आयुक्त और सरकारी सचिव वी दक्षिणामूर्ति, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय अनुसंधान निदेशक डॉ एम रविंद्रन, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और कार्यवाहक कुलपति डॉ आर तमीज वेंडन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।

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(Udaipur Kiran) / Dr. Vara Prasada Rao PV

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