
नई दिल्ली, 31 मई (Udaipur Kiran) । पश्चिम जिले की साइबर थाना पुलिस ने शातिर साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए जामताड़ा (झारखंड) से एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित ने खुद को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) का असिस्टेंट मैनेजर बताकर पीड़ित को झांसे में लिया और मोबाइल पर स्क्रीन शेयर करवाकर 15 लाख की ठगी की।
पश्चिमी जिले के डीसीपी विचित्र वीर ने शनिवार को बताया कि 17 अप्रैल 2025 को साइबर थाना पश्चिम दिल्ली में दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज करवाई गईं। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उन्हें एक व्यक्ति ने आईपीपीबी बैंक का अधिकारी बनकर कॉल किया और कहा कि वह उनके दो बैंक खातों को लिंक करने में मदद करेगा। व्हाट्सऐप कॉल के दौरान आरोपित ने पीड़ितों को स्क्रीन शेयरिंग के लिए कहा और फिर उन्हें एक एपीके फ़ाइल भेजी। जैसे ही पीड़ितों ने वह ऐप इंस्टॉल किया, आरोपित ने उनके मोबाइल को रिमोट एक्सेस कर लिया और धीरे-धीरे 15 लाख उनके खातों से निकाल लिए।
मामले को गंभीरता से लेते हुए इंस्पेक्टर विकास कुमार की देखरेख में पुलिस टीम को तकनीकी विश्लेषण, मोबाइल नंबर और आईपी एड्रेस की जांच के बाद आरोपित की लोकेशन झारखंड के जामताड़ा में मिली। इसके बाद पुलिस टीम ने छापेमारी कर आरोपित सनाउल मियां को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह अपने साथी वसीम उर्फ पचू के साथ मिलकर यह साइबर ठगी करता था। वसीम गूगल पर फर्जी कस्टमर केयर नंबरों के विज्ञापन चलाता था। जब लोग उन पर कॉल करते, तो वे खुद को बैंक कर्मचारी बताकर एपीके फाइल भेजते और फिर स्क्रीन शेयरिंग के बहाने मोबाइल का कंट्रोल ले लेते थे। आरोपित ने बताया कि प्रतिदिन 50-60 कॉल्स आते थे, जिनमें से 4-5 लोगों को ठगने में वे कामयाब हो जाते थे।
डीसीपी के अनुसार गिरफ्तारी के दौरान दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं जिनमें व्हाट्सऐप चैट, बैंक लॉगिन की स्क्रीनशॉट्स, ऑडियो रिकॉर्डिंग और अन्य संवेदनशील जानकारी पाई गई। फिलहाल पुलिस मामले में शामिल अन्य आरोपित वसीम की तलाश कर रही है।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी
