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पूर्वी चंपारण,20 जनवरी (Udaipur Kiran) ।पौधा संरक्षण विभाग द्वारा संचालित किसान पाठशाला का चौथा सत्र का आयोजन सोमवार को बंजरिया प्रखंड के अजगरी पंचायत में किया गया। पाठशाला में प्रशिक्षक कामेश्वर सिंह ने किसानो को मौसम में हुए व्यापक परिवर्तन से रबी फसलों में लगने वाले रोग व बीमारियों से बचाव की जानकारी देते बताया कि इस मौसम में आलू में झुलसा रोग होने की संभावना ज्यादा होती है,यह रोग मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है अगात झुलसा एवं पछात झुलसा जो फफूंद जनित रोग है,अगात झुलसा अलटरनेरिया सोलेनाई तथा पछात झुलसा फाइटोपथोरा इन्फेस्टेन्स नामक फफूंद से होता है।
उन्हाेंने कहा कि तापमान में अत्यधिक गिरावट एवं आद्रता की अधिकता होने पर अगात झुलसा में आलू के पतियों पर भूरे रंग का गोल धब्बा बनने लगता है जबकि पछात झुलसा में आलू की पत्तियां किनारे से सुखने लगती है। दोनों ही स्थितियों में मैंकोजेब 75% WP 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें।दूसरे बार में मैंकोजेब के साथ कार्बेन्डाजिम मिला कर छिड़काव करें।
उन्हाेंने कहा रोग की अधिकता होने पर मैंकोजेब के साथ मेटालैक्सिल 8% मिलाकर छिड़काव करें। अगर रोग आसानी से नियंत्रण में नहीं होने की स्थिति में स्ट्रैप्टोसाइक्लिन एंटीबायोटिक 1 ग्राम प्रति 6 से 8 लीटर पानी में घोल कर फफूंदनाशी दवा के साथ मिलकर छिड़काव करना चाहिए। पाठशाला को दूसरे प्रशिक्षक श्रीमती शौम्या शेखर सहायक तकनीकी प्रबंधक ने किसानों को आत्मा द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
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(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार
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