कोलकाता, 05 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त की दुखद घटना से जुड़े मामले में चार पुलिसकर्मी सीबीआई की जांच के दायरे में हैं। इन पुलिसकर्मियों में एक महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जो नौ अगस्त सुबह अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात थे। उस दिन जूनियर डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म के मामले में सीबीआई इन पुलिसकर्मियों से पूछताछ करेगी।
घटनास्थल पर मृतक डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार रूम में पाया गया था। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, इन पुलिसकर्मियों के बयान इस मामले में बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं क्योंकि इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि शव मिलने के बाद सबूतों से किसी प्रकार की छेड़छाड़ हुई थी या नहीं।
इन पुलिसकर्मियों से पहले भी पूछताछ हो चुकी है और उनसे उस सुबह की घटनाओं के बारे में सवाल किए गए थे, जो उन्होंने मृतक डॉक्टर के शरीर के पास देखी थीं। साथ ही, उनसे यह भी पूछा गया था कि क्या उन्हें इस मामले में किसी उच्च अधिकारी से कोई निर्देश मिला था।
इस बीच, सीबीआई के अधिकारी आर.जी. कर अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का गहन अध्ययन कर रहे हैं, जो उन्हें कोलकाता पुलिस से मिली है। कोलकाता पुलिस ने इस मामले की प्रारंभिक जांच की थी। जांच अधिकारियों के सामने चुनौती यह है कि क्या सीसीटीवी फुटेज में किसी प्रकार की छेड़छाड़ की गई है या नहीं।
शुक्रवार को सीबीआई ने कोलकाता की एक विशेष अदालत को बताया कि शुरू में इस मामले को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई थी। अब तक की जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और पूर्व थानाध्यक्ष अभिजीत मंडल ने इस मामले की जांच के दौरान सबूतों के साथ छेड़छाड़ की साजिश रची थी। फिलहाल, सीबीआई इनके सहयोगियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने इस छेड़छाड़ में इनका साथ दिया।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर