RAJASTHAN

तीन दोस्तों समेत चार पर लेपर्ड का हमला, चरवाहे ने कुल्हाड़ी से बचाई जान

लेपडर ने हाथ, चेहरे, पीठ और सिर पर पंजा मार घायल कर दिया।

काेटा, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । रामगंज मंडी स्थित खणी महादेव के जंगल में सोमवार दोपहर जंगल में घूमने गए तीन दोस्तों और चरवाहे पर लेपर्ड ने हमला कर दिया। लेपर्ड ने दो युवकों को सिर, पीठ, चेहरे और हाथों पर पंजा मारकर लहूलुहान कर दिया। चरवाहे ने कुल्हाड़ी से खुद और दोनों युवकों को लेपर्ड से बचाया। दोनों युवकों का नाबालिग साथी जैसे-तैसे बचकर भाग निकला। वह बड़े पत्थर के पीछे छिप गया। दो घंटे के सर्च ऑपरेशन के बाद वह लहूलुहान हालत में मिला।

जानकारी के अनुसार जीरापुर (मध्यप्रदेश) निवासी अरविंद विश्वकर्मा (20), अश्विनी विश्वकर्मा (17) और रवि पांचाल (19) बाइक से सात किलोमीटर दूर राजस्थान में रामगंज मंडी घूमने आए थे। चरवाहे मांगीलाल भील ने बताया कि बाइक सवार तीन दोस्त रास्ता भटक गए थे। जब उन्होंने रास्ता पूछा तो मैं भी उनके साथ हो गया। इसके बाद चारों एक ही बाइक पर खणी महादेव दर्शन के लिए रवाना हुए। बीच रास्ते में पेड़ पर बैठे लेपर्ड ने हमला कर दिया। मेरे पास ​कुल्हाड़ी थी, जिसकी वजह से लेपर्ड भाग गया। लेपर्ड ने पहले मांगीलाल के कंधे पर पंजा मारा, जिससे वह गिर पड़ा। इसके बाद लेपर्ड ने बारी-बारी से तीनों युवकों पर हमला किया और उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। मांगीलाल ने लेपर्ड को कुल्हाड़ी से डराने का प्रयास किया, लेकिन लेपर्ड काफी आक्रामक था। अरविंद विश्वकर्मा और रवि पांचाल के हाथ, चेहरे, पीठ और सिर पर पंजा मार घायल कर दिया। अश्विनी विश्वकर्मा ने किसी तरह खुद को बचाया और आसपास के लोगों को हमले की सूचना दी। दोनों घायल युवक भी घटना स्थल से भाग गए।

सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों के साथ वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। अरविंद और रवि को एम्बुलेंस से चेचट सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें गंभीर हालत में झालवाड़ रेफर कर दिया गया।

बचकर भागे अश्विनी की वन विभाग ने तलाश की, लेकिन काफी समय तक उसका पता नहीं चला। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद अश्विनी एक बड़े पत्थर के पीछे छिपा हुआ मिला। इलाज के लिए उसे रावतभाटा के सरकारी अस्पताल लेकर गए। वहीं, चरवाहा मांगीलाल लहूलुहान हालत में खणी गांव पहुंचा, जिसे वन विभाग की टीम ने चेचट अस्पताल में भर्ती कराया।

रामगंज मंडी और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित खणी जंगल में खणी महादेव का मंदिर है। यहां बारिश के मौसम में 30 फीट ऊंचा झरना गिरता है, जो न केवल धार्मिक बल्कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। रोजाना कई लोग इस झरने को देखने और नहाने के लिए यहां पहुंचते हैं, जिससे यह एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल बन गया है। मध्यप्रदेश और राजस्थान के दूर-दराज के लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ यहां आते हैं। खणी महादेव का मंदिर खणी गांव से लगभग छह किलोमीटर दूर है और यह वन विभाग के अधीन आता है। धार्मिक महत्व के कारण यहां जंगल में प्रवेश की अनुमति है, लेकिन रात के समय यहां जाने पर रोक है।

मध्यप्रदेश वन विभाग के अधिकारी शिवराज सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में सामान्यत: लेपर्ड की गतिविधियां नहीं होती हैं। इस वजह से इसे धार्मिक स्थल के लिए एक फ्री जोन घोषित किया गया है। वन विभाग नियमित रूप से इस क्षेत्र की निगरानी करता आ रहा है और लेपर्ड के मूवमेंट की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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