सुकमा, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जिले में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति एवं नियद नेल्ला नार योजना तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव के फलस्वरूप नक्सली संगठन में सक्रिय कुल चार नक्सलियों ने आज मंगलवार काे पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में आत्मसमर्पण कर दिया है।आत्मसमर्पित नक्सली कुंजाम हिड़मा, कुंजाम गंगा, उईका एंका एवं पोड़ियाम गुरूवा कई नक्सली वारदातों में शामिल थे।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नक्सली संगठन में सक्रिय 2 नक्सली सदस्य कुंजाम हिड़मा पिता माड़का (मेहता आरपीसी मिलिशिया सदस्य) निवासी दुरमा पुजारीपारा थाना कोंटा एवं कुंजाम गंगा पिता स्व. हिड़मा (गोमपाड़ आरपीसी मिलिशिया सदस्य) निवासी- बेलपोच्चा पुजारीपारा थाना कोंटा के द्वारा विरेन्द्र कुमार, द्वितीय कमान अधिकारी 217 वाहिनी सीआरपीएफ एवं निरीक्षक अभिलाष टण्डन, प्रभारी डीआरजी जिला सुकमा के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण कियागया । उक्त नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 217 वाहिनी सीआरपीएफ आसूचना शाखा कार्मिकों का याेगदान रहा।
इसी कड़ी में नक्सली संगठन में सक्रिय 2 नक्सली सदस्य उईका एंका पिता पापाराव (मेहता आरपीसी मिलिशिया सदस्य) निवासी मेहता थाना कोंटा एवं पोड़ियाम गुरूवा पिता स्व. पोड़ियाम सीता (मेहता आरपीसी मिलिशिया सदस्य) निवासी- मेहता थाना कोंटा के द्वारा निरीक्षक अविलाश टण्डन, प्रभारी डीआरजी जिला सुकमा एवं निरीक्षक अनिल कुमार 208 कोबरा वाहिनी के समक्ष आत्मसमर्पण किया। उक्त नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 208 कोबरा वाहिनी आसूचना शाखा कार्मिकों का याेगदान रहा।
आत्मसमर्पित नक्सली प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गों पर स्पाईक/बम लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर मार्ग अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध बेनर, नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाने एवं अन्य घटनाओं में शामिल रहे है।
उक्त सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के तहत् सहायता राशि व अन्य सुविधा प्रदान किए जाएंगे।
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(Udaipur Kiran) / मोहन ठाकुर