Uttar Pradesh

पन्द्रह करोड़ से अधिक की साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार

पन्द्रह करोड़ से अधिक की साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के 4 सदस्य गिरफ्तार

-गिरोह के खिलाफ अब तक दर्ज हो चुके है 250 मुकदमें

कानपुर, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । शेयर मार्केट में पैसा निवेश करने की लालच देकर 15 करोड़ से अधिक की ठगी करने वाले साइबर गिरोह का खुलासा करते हुए मंगलवार को कानपुर साइबर सेल ने अंतरराज्यीय गिरोह के मास्टरमाइंड समेत चार सदस्यों को भोपाल से गिरफ्तार किया। टीम ने साइबर अपराधियों के कब्जे से 12 मोबाइल फोन, तीन की पैड मोबाइल, एक लैपटाप, एप्पल कम्पनी का मैकबुक, स्मार्ट वाच, पांच सिम कार्ड, 33 विभिन्न बैंकों के चेकबुक अन्य उपकरण और एक कार बरामद किया है।

पुलिस उपायुक्त अपराध आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में मध्य प्रदेश भोपाल के अयोध्या थाना क्षेत्र स्थित चाणक्यपुरी जेके रोड सीपेट काॅलेज निवासी रोहित सोनी एक राजनीतिक पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के जिलाध्यक्ष है। उसका सहयोगी होशंगाबाद जनपद के बाबई वार्ड नम्बर 14 पटेल मोहल्ला निवासी अक्षय गुरू, जो कि आईडीएफसी बैंक में लोन रिकवरी एजेंट के रूप में कार्यरत है। तीसरा सहयोगी बिहार के मधुबनी जनपद स्थित तरेया गांव निवासी मनीष कुमार मंडल एचडीएफसी बैंक में कार्यरत है। चौथा सदस्य मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जनपद के बाबई थाना चिचली मोहल्ला निवासी मयंक मीणा भी एक प्राइवेट बैंक का कर्मचारी है।

उन्होंने बताया कि कानपुर के कैंट थाना क्षेत्र के निवासी विनोद कुमार ने 20 जून 2024 को साइबर सेल में तहरीर देकर एक करोड़ 78 लाख 85 हजार रुपये की ठगी का मामला दर्ज कराया था। मामले की जांच साइबर सेल थाना प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा कर रहे थे। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि 8 बैंक खातों के माध्यम से लगभग 15 करोड़ की ठगी का प्रमाण मिला है। देश के आंध्र प्रदेश, बिहार, वेस्ट बंगाल, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, मेघालय, राजस्थान, तेलंगाना, झारखंड, महाराष्ट्र, ओड़िसा, पंजाब, उत्तर प्रदेश के मेरठ, आगरा, लखनऊ,चंदौली, गौतमबुद्ध नगर, मऊ, मुजफ्फरनगर उन्नाव और कानपुर समेत लगभग 250 मामले दर्ज किए जा चुकें हैं।

शेयर मार्केट में रकम के बदले भारी मुनाफ़े की लालच देकर ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को अपना शिकार बनाता था। साथ ही आम आदमी की जीवनभर की कमाई फ़र्ज़ी डीमेट अकाउंट खोलकर उन्हें भारी मुनाफा दिखाते थे, जिससे आम आदमी इनके झांसे में आ जाता था और इनके जाल में फँसकर अपनी रकम गंवा देता था ।

(Udaipur Kiran) / रामबहादुर पाल

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