Uttar Pradesh

मां विन्ध्यवासिनी के दरबार में उमड़ा आस्था का समुंदर, चार लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

मां विंध्यवासिनी की मंगला आरती का दृश्य।
दर्शन पूजन को गृभगृह की ओर जाते दर्शनार्थी।

मीरजापुर, 4 अप्रैल (Udaipur Kiran) । चैत्र नवरात्र के पावन अवसर पर मां विन्ध्यवासिनी के दरबार में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सप्तमी तिथि पर शुक्रवार को विन्ध्यधाम में ऐसा जनसैलाब उमड़ा, जैसे स्वयं देवी ने भक्तों को बुला लिया हो। अनुमान के मुताबिक गुरुवार रात से शुक्रवार शाम तक चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने माता रानी के दर्शन किए।

श्रद्धालु सिर पर नारियल, हाथों में चुनरी और पुष्पों की थाल लिए जय मां विन्ध्यवासिनी के जयघोष करते हुए दर्शन के लिए आतुर नजर आए। तृतीय द्वार (कोतवाली मार्ग) पर झांकी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें दूर तक फैली रहीं। वहीं द्वितीय (न्यू विशिष्ठ मार्ग) और पंचम द्वार (जयपुरिया गली) से भी हजारों की संख्या में भक्त गर्भगृह तक पहुंचते रहे।

आस्था के बीच अव्यवस्था ने खड़ी की दीवार

जहां एक ओर भक्तों की श्रद्धा ने एक अद्भुत दृश्य रचा, वहीं दर्शन व्यवस्था में अव्यवस्था ने खलल डाला। प्रथम द्वार (पुरानी विशिष्ठ मार्ग) से विशिष्ट दर्शन की अनुमति केवल चंद नामों तक सीमित होनी चाहिए थी, परंतु हजारों की संख्या में कथित विशिष्टजन पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से भीतर प्रवेश करते दिखे। इस अव्यवस्था को देखकर आम श्रद्धालु आक्रोशित हुए, लेकिन पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मूकदर्शक बने रहे।

भक्ति की बयार के बीच उठे सवाल

ऐसे भव्य आयोजन में प्रशासन की लापरवाही कई सवाल खड़े करती है। जहां एक ओर करोड़ों की आस्था मां विन्ध्यवासिनी के चरणों में समर्पित है, वहीं व्यवस्था की लचरता इस पावन स्थल की गरिमा को आहत करती नजर आई।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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