
– मकान बंटवारे को लेकर पीट-पीटकर कर दी थी हत्या-कोर्ट ने चारों पर 24 हजार रुपये का लगाया अर्थदंड हमीरपुर 7 मई (Udaipur Kiran) । बुधवार को हत्या के 11 साल पुराने मामले में न्यायाधीश ईसी एक्ट अनिल कुमार खरवार की अदालत ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दो चचेरे भाई, भतीजा व एक अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर छह-छह हजार का अर्थदंड भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
जरिया थानाक्षेत्र के खेड़ाशिलाजीत गांव निवासी मृतक के भाई सुभाष ने 24 मई 2014 को तहरीर दी थी। बताया था कि उसका भाई मृतक हरिमोहन 24 मई 2014 को खेत से ईटों का भट्ठा लगाकर दोपहर करीब 12 बजे घर वापस आ रहा था। तभी गांव निवासी ठाकुरदास के दरवाजे पर बैठे उसके चचेरे भाई रघुवंश पुत्र भारतेंदु, सतीश पुत्र चंद्रशेखर, भतीजा हेमेंद्र पुत्र रघुवंश व ठाकुरदास पुत्र चन्ना ने उसके साथ मारपीट की। इससे क्षुब्ध होकर उसके भाई ने फंदा लगा आत्महत्या कर ली है। पुलिस ने आत्महत्या को उकसाने का मामला दर्जकर आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने गवाही के दौरान पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दर्शाई गई नौ चोंटे व दो पसलियां टूटी पाए जाने पर मामले को आत्महत्या न मानते हुए हत्या करार दिया। बुधवार को फैसला सुनाते हुए चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
मकान बंटवारे को लेकर कर दी थी हत्यावादी पक्ष के अधिवक्ता जनमेजय सिंह ने बताया कि गंगा प्रसाद व धनीराम दोनों भाई थे। गंगा प्रसाद के परिवार के दोषी पक्ष हैं, जबकि धनीराम के परिवार के पीड़ित पक्ष हैं। मृतक हरिमोहन व दोषी रघुवंश एक ही मकान में निवास करते थे। मकान बंटवारे को लेकर दोनों पक्षों में विवाद था। इसी बात को लेकर दोषी रघुवंश ने अपने बेटे हेमेंद्र व चचेरे भाई सतीश व गांव निवासी ठाकुरदास के साथ मिलकर हरिमोहन की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। पत्नी व बेटी जब तक अपने जेठ व अन्य लोगों को खेत से लेकर आती तब तक उक्त दोषियों ने उसकी हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप देने के लिए शव को फंदे से लटका दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नौ चोंटे पाए जाने व दो पसलियां टूटी होने पर कोर्ट ने यह माना कि मृतक की हत्या की गई है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा
