
भागलपुर, 11 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति के तत्वावधान में आनंदराम ढांढनियाँ सरस्वती विद्या मंदिर भागलपुर में चल रहे प्रांतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन मंगलवार को संपन्न हो गया। समापन सत्र का प्रारंभ क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम, प्रदेश मंत्री भरत पूर्वे, प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, पूर्व निरीक्षक मिथिलेश कुमार सिंह, पूर्व निरीक्षक दामोदर प्रसाद एवं भागलपुर विभाग के प्रवासी कार्यकर्ता विनोद कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
ख्यालीराम ने कहा कि चार दिवसीय सत्र में जो सीखने को मिला है, इसे हम वर्ष भर प्रयोग करने वाले हैं। विद्या वह है जो अहम् से वयम् की बात कराए। परमतत्व समाज और भैया बहन को केंद्र में रखकर कार्य को उपलब्धि परक बनाएं। नर सेवा नारायण सेवा है। कुछ नया करने का संकल्प लेकर आगे की ओर निरंतर बढ़ते रहना है।
दामोदर प्रसाद ने कहा कि नीलकंठ बनना सरल कार्य नहीं है। संपूर्ण दुनिया में शिक्षा में व्यापक परिवर्तन हो रहे हैं। इन परिवर्तनों को समझना होगा। आभार ज्ञापन एवं वृत्त कथन प्रस्तुत करते हुए प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा ने कहा कि दक्षिण बिहार के 17 जिले के 158 विद्यालय से 164 प्रधानाचार्य यहां उपस्थित थे। जिसमें 159 प्रधानाचार्य एवं 15 प्रधानाचार्या दीदी जी उपस्थित हुए। प्रथम सत्र में उन्होंने वार्षिक कार्य योजना एवं नियमावली को विस्तार पूर्वक बताते हुए उसे विद्यालय में लागू करने कहा गया। मंच संचालन उमाशंकर पोद्दार विभाग निरीक्षक रोहतास विभाग के द्वारा किया गया।
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(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर
