धमतरी , 11 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । 17 वर्षीय नाबालिग लड़का ने साढ़े चार साल की मासूम बालिका से दुष्कर्म किया। इस घटना से घायल बालिका को धमतरी जिले में 23 दिनों तक बेहतर उपचार नहीं मिला। एक्सरा हुआ न ही सोनोग्राफी। मासूम दर्द से तड़पती रही। मासूम की दर्द से आक्रोशित व पीड़ित परिवार का गुस्सा जब पुलिस व स्वास्थ्य विभाग समेत शासन-प्रशासन पर फूटा, तब जाकर 24वां दिन जिला अस्पताल धमतरी में बालिका का बेहतर उपचार शुरू हुआ है।
पीड़िता के स्वजनों ने आरोप लगाते हुए बताया कि दर्द से कराह रही चार वर्षीय मासूम बालिका को जब नौ अक्टूबर को जिला अस्पताल धमतरी में उपचार कराने लाए तो यहां भी उपचार से मना किया गया। पुलिस प्रशासन के आने के बाद ही उपचार करने की बात कहीं। पीड़ित के स्वजन पुलिस कर्मचारियों से बात कराई, लेकिन नहीं सुने। अंत में पुलिस अधिकारी आए, तब जाकर उपचार शुरू हुआ। वहीं मासूम बालिका के सोनोग्राफी कराने कहने पर मशीन खराब होने व डाक्टर को बाहर जाने की बात कहीं गई, इससे आक्रोशित स्वजनों की बात जब मीडिया तक पहुंची, तब जाकर सोनोग्राफी हुई और एक्स-रे भी की गई। 11 अक्टूबर को पीड़िता के स्वजनों ने बताया कि अस्पताल के भर्ती कक्ष में दो नर्स की ड्यूटी है। उपचार करने डाक्टर भी पहुंचे थे, अब जाकर पीड़िता को राहत मिली है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि शासन-प्रशासन नाबालिग के देखरेख के लिए सिर्फ बातें करती है, जब घटना हो जाए, तो सभी दावों का पोल खुल जाता है, जो उनके बेटी के साथ हुई है। मासूम की उपचार के लिए उनके परिवार को दर-दर की ठोकरें खाना पड़ा है।
पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा दे राज्य सरकार
साढ़े चार वर्षीय मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म के बाद घायल को उपचार नहीं मिलने की घटना की खबर के बाद आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता तेजेन्द्र तोड़ेकर, जिलाध्यक्ष आप धमतरी विनोद सचदेवा समेत अन्य कार्यकर्ता 11 अक्टूबर को जिला अस्पताल धमतरी पहुंचे। यहां पीड़ित परिवार से मुलाकात किए। इस मामले में आप पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता तेजेन्द्र तोड़ेकर ने आरोप लगाते हुए कहा कि संवेदनशील मामले में लापरवाही पर जिम्मेदार कुरूद अस्पताल प्रबंधन व पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, क्योंकि लापरवाही के चलते मासूम का इलाज नहीं हो पाया। वहीं कुरूद पुलिस प्रशासन द्वारा इस संवेदनशील मामले को दबाने की कोशिश की गई है। आप पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल में डाक्टरों से मिलकर बेहतर उपचार करने की मांग की है। कुरूद थाना प्रभारी व सिविल अस्पताल के प्रभारी को तत्काल निलंबित करने की मांग की है। वहीं पीड़ित परिवार को राज्य शासन तत्काल 50 लाख रुपये की मुआवजा प्रदान करें। इस अवसर पर युवा नेता सत्यम गोस्वामी, चंद्रशेखर लहरे, राजीव साहू, चेतन पटेल व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा