बीरेंद्र सिंह के रूखे रवैये से आहत हैं शिवनारायण शर्मा
जींद, 18 सितंबर (Udaipur Kiran) । पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के साथ रहे शिवनारायण शर्मा ने बुधवार को अपने साथियों के साथ कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया है।
उन्होंने बीरेन्द्र सिंह पर रुखा व्यवहार करने का आरोप लगाया।
शिवनारायण शर्मा ने यहां पत्रकारों से कहा कि पांच साल के राजनीतिक कैरियर में उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल सरकार के साथ भी काम करने का मौका मिला। पिछले 20 साल से वह पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के साथ मिलकर राजनीति की। इस दौरान पूरे राजनीतिक कैरियर में उन्होंने बीरेंद्र सिंह से कोई राजनीतिक लाभ नहीं लिया। शर्मा ने आरोप लगाया कि बीरेन्द्र अब अपनी बेटी वृंदा शर्मा को पॉलिटिक्स में आगे बढ़ा रहे हैं। बीरेंद्र सिंह कांग्रेस में रहे हों या फिर भाजपा में रहे हों, उनके लिए बीरेंद्र सिंह ही पार्टी रहे हैं। वह उनके साथ ही भाजपा को छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह टिकट को लेकर बीरेंद्र सिंह से मिले थे। उचाना में भी मिले थे और दिल्ली में भी मिले थे। न तो इन्होंने टिकट के लिए किसी से मिलवाया और न ही सिफारिश की बल्कि लगभग 70 लोगों के सामने उन्होंने रुखे व्यवहार से मेरे साथ बात की। उन्होंने कहा कि बीरेंद्र सिंह के दिए गए जवाब से उनकी भावनाएं आहत हुई हैं। इसलिए हमने एक सप्ताह तक इंतजार भी किया लेकिन बीरेंद्र सिंह का उनके पास कोई फोन नही आया। इसलिए वो अपने साथियों के साथ कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह रहे हैं।
उन्होंने भावुक होकर पत्रकारों से कहा कि 20 साल तक वह पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह डूमरखां के साथ उनके हनुमान बन कर रहे। बिना किसी लोभ के व लालच के उन्होंने उनका सहयोग किया। जब उन्होंने अपनी बेटी वृंदा शर्मा की टिकट के लिए पैरवी करने को कहा तो उनका जवाब सही नहीं था। जिसके चलते उन्होंने बीरेंद्र सिंह का साथ तथा कांग्रेस को छोडऩे का निर्णय लिया है।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा