-पूर्व मंत्री रिजकराम के बेटे, दो
बार राई से विधायक रहे जयतीर्थ
-रुपयों का खेल है सारा टिकटें बेची
गई, अपमानित किया
सोनीपत, 23 सितंबर (Udaipur Kiran) । सोनीपत
के राई से पूर्व विधायक जयतीर्थ ने साेमवार काे कांग्रेस को अलविदा कह दिया है। आरोप लगाया है कि
कांग्रेस में रुपए लेकर टिकट बांटी, उनके साथ विश्वासघात किया और उनको अपमानित किया
गया है। राजनीति के पंडित इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका मान रहे हैं। जयतीर्थ को राजनीति
में उभार देने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ साेमवार को जयतीर्थ ने हुड्डा
के खिलाफ लगाते हुए पार्टी छोड़ दी है। दहिया की पहचान हरियाणा में गांधीवादी नेता की रही है। वह लंबे समय से कांग्रेस में थे।
कांग्रेस
के राई के पूर्व विधायक एवं पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के करीबी रहे जयतीर्थ दहिया
ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अब वे कांग्रेसी नहीं रहे है। चुनाव के बाद अब
आगे का फैसला लेंगे। अब कांग्रेस में नहीं हैं अपने समर्थकों को उनका संदेश पहुंच गया
है। जयतीर्थ
दहिया राई विधानसभा सीट से वर्ष 2009 व वर्ष 2014 में लगातार 2 बार कांग्रेस के विधायक
रहे हैं। उनके पिता चौ. रिजक राम दहिया 1972 में कांग्रेस की टिकट पर और 1977 में जनता
पार्टी की टिकट पर विधायक बने। वे मंत्री भी रहे। जयतीर्थ ने 3 दशकों से ज़्यादा समय
तक सोनीपत कोर्ट में वकालत की। 2014 के चुनाव में इनेलो के इंद्रजीत से मात्र 3 वोटों
से चुनाव जीते थे। 5 साल पहले उन्होंने अशोक तंवर पर गाली देने का आरोप लगा कर इस्तीफा
दे दिया था। इस बार उनको टिकट नहीं मिली।
जयतीर्थ दहिया ने सोमवार को पत्रकारों से
बातचीत में कहा कि यह तो पता ही है कि हमारे चुनाव आए हुए हैं। यह भी की मैं राई हलके
से विधायक रहा हूं और टिकट का प्रबल दावेदार था। उन्हें जिस तरीके से जलील करके पार्टी
ने टिकट नहीं दिया, मैंने आज अपना त्यागपत्र डाक से पार्टी आलाकमान को भेज दिया है।
उन्होंने कहा कि ये ठीक हे कि 2009 में वे भूपेंद्र हुड्डा के सहयोग से विधायक बने
थे।
जयतीर्थ
ने कहा है कि कांग्रेस के हालात अच्दे नहीं हैं, पैसों का लेनदेन हुआ है, पैसों से
ही टिकट बांटे गए हैं, उससे मैं समझता हूं कि पार्टी की जो हवा थी, उस पर काफी असर
पड़ा है। कांग्रेस ने उनकी अनदेखी की है। विधानसभा में जहां तक उनको पता है, पैसों
का खूब लेन-देन हुआ है। पैसे के बेस पर टिकट बांटी गई हैं। फिलहाल मैंने पार्टी छोड़
दी है। जयतीर्थ
दहिया का कहना है कि जिस तरह से उनको जलालत दी गई है, मैं उसको सहन नहीं कर सकता। उनकी
टिकट कटवाने में, उसे जलील करने में, पार्टी की हवा खराब करने में रुपयों का रोल है।
उनके साथ वही हुआ है, जो कि बरोदा विधान सभा क्षेत्र में डा. कपूर नरवाल के साथ हुआ।
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(Udaipur Kiran) परवाना