Madhya Pradesh

आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को मिली लोकायुक्त कोर्ट से मिली जमानत

पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा (फाइल फोटो)

भोपाल, 1 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के बहुचर्चित भ्रष्टाचार मामले में आरोपी परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लोकायुक्त कोर्ट से जमानत मिल गई है। सौरभ के साथ ही उसके सहयोगियों चेतन गौर और शरद जायसवाल को भी लोकायुक्त मामले में जमानत मिली है।

सौरभ के वकील के मुताबिक, लोकायुक्त ने मामले में प्रकरण दर्ज करने के बाद 60 दिनों के भीतर चालान पेश नहीं किया, जिसके आधार पर मंगलवार को विशेष न्यायाधीश आरपी मिश्रा की कोर्ट से लोकायुक्त केस ने उन्हें जमानत दी है। हालांकि, सौरभ शर्मा को अन्य मामलों में अब तक जमानत नहीं मिली है, जिसके चलते वह फिलहाल जेल में ही रहेगा। उसकी रिहाई तभी संभव होगी, जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कोर्ट से भी उसे जमानत मिल जाए, लेकिन फिलहाल इसकी संभावना कम नजर आ रही है।

गौरतलब है कि सौरभ शर्मा को 62 दिन पहले 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उस पर आय से अधिक संपत्ति होने के आरोप हैं। लोकायुक्त ने 19 दिसंबर 2024 को उसके घर और जयपुरिया स्कूल की निर्माणाधीन बिल्डिंग में छापा मारा था। दोनों स्थानों से टीम को 50 लाख रुपये से अधिक के जेवरात, लाखों रुपए की नकदी और की 234 चांदी सिल्लियां मिली थी। ये सिल्लियां उसने अपने ऑफिस में बोरे और झोलों में बंद कर छिपा रखी थी। सौरभ शर्मा ने जयपुरिया स्कूल के ग्राउंड फ्लोर पर अपना ऑफिस बना रखा था। इसी ऑफिस में 500 से ज्यादा दस्तावेज मिले थे। ज्यादातर दस्तावेज प्रॉपर्टी संबंधी हैं। जिसमें एग्रीमेंट सहित बैंक पासबुक, चेक और वसीयत नामे मौजूद थे।

सौरभ के वकील राकेश पराशर ने बताया कि सौरभ को आय से अधिक संपत्ति मामले में लोकायुक्त कोर्ट से जमानत मिल गई है। मंगलवार की शाम को यह आदेश विशेष न्यायाधीश आरपी मिश्रा की कोर्ट ने यह आदेश जारी किए हैं। हालांकि सौरभ की फिलहाल रिहाई नहीं होगी। ईडी कोर्ट से जमानत मिलने के बाद ही उसकी रिहाई हो सकेगी।

उल्लेखनीय है कि सौरभ गिरफ्तारी के पहले 41 दिन से फरार था। छापे वाले दिन 19 दिसंबर को वो दुबई में था। इसके 4 दिन बाद 23 दिसंबर को भारत लौट आया लेकिन, तलाश में जुटी लोकायुक्त, ईडी और आयकर की टीम उसे पकड़ नहीं सकी। तीनों एजेंसियों को चकमा देकर सौरभ 28 फरवरी को अपने वकील राकेश पाराशर के साथ लोकायुक्त की विशेष अदालत में सरेंडर करने पहुंचा था। कोर्ट ने उसे अगले दिन 11 बजे हाजिर होने के आदेश दिए थे। अगले दिन कोर्ट पहुंचने से पहले ही उसकी गिरफ्तारी कर ली गई थी।

भोपाल में सौरभ शर्मा के यहां 9 दिन में तीन एजेंसियां ईडी, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने छापे मारे थे। कार्रवाई के दौरान उसके पास 93 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी मिली। इनमें कार में मिला 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश भी शामिल है। ईडी ने 27 दिसंबर को सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल, रोहित तिवारी के ठिकानों पर छापे मारे थे। सौरभ के परिजन और दोस्तों के खातों में चार करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस पाया। इसके अलावा 23 करोड़ की संपत्ति भी जांच के दायरे में ईडी ने ली थी।

(Udaipur Kiran) तोमर

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