जयपुर, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास मंगलवार को एसएमएस अस्पताल पहुंचे और दुष्कर्म पीड़ित बच्ची से मिलकर उसके स्वास्थ्य के बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त की।
जयपुर के जयसिंहपुरा खोर थाने के अंतर्गत आने वाले एक गांव में एक दलित बच्ची को चार लोग जबरन उठाकर ले गए थे और उसके दुष्कर्म कर घर के बाहर फेंक कर चले गए थे। बच्ची को चार दिन बाद होश आया। लेकिन आज तक दहशत में बच्ची दिमागी रूप से स्वस्थ नहीं हो पाई है। दुष्कर्म पीड़ित बच्चियों के लिए नॉर्म्स तय किए गए हैं। उन्हें जनरल वार्ड में नहीं रखा जा सकता। लेकिन दुष्कर्म पीड़ित बच्ची जो अब तक पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है। उसके घर वाले परेशान है उसे जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। बच्ची बार-बार चिल्ला रही है। खाचरियावास ने डॉक्टर से कहा है कि बच्ची को फिर से आईसीयू में ले या अलग से रूम की व्यवस्था कर इलाज की पूरी व्यवस्था करें। खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री मंत्रियों के सचिवालय से मात्र पांच सौ मीटर दूर दुष्कर्म पीड़ित अच्छे इलाज को और न्याय को तरस रही है। दलित परिवार के गरीब मां-बाप परेशान है। लेकिन मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री किसी मंत्री या सरकार के किसी विधायक को बच्ची से मिलने की फुर्सत नहीं है। खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री को फुर्सत ही नहीं मिल रही राजस्थान को संभालने की। पिछले दस महीने में मुख्यमंत्री दिल्ली और विदेश के दौर में सिर्फ आसमान में हवाई जहाज में घूम रहे हैं। राजस्थान की कानूनी व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। रोज बच्चियों के साथ बलात्कार, लूट,अपहरण, डकैती की घटना हो रही है। लेकिन शासन को संभालने की मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पास फुर्सत नहीं है। खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान की हर बेटी मुख्यमंत्री की बेटी है दुष्कर्म पीड़ित बच्ची भी मुख्यमंत्री की बेटी है। मुख्यमंत्री और सरकार को बच्ची और उसके परिवार से मिलकर बच्ची के इलाज की पूरी व्यवस्था करनी चाहिए। दलित परिवार को आर्थिक सहायता देकर अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे भविष्य में दुष्कर्म की घटनाएं रुक सकें।
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(Udaipur Kiran)