
जयपुर, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जल जीवन मिशन से जुडे करीब 900 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में आरोपित पूर्व मंत्री महेश जोशी को प्रवर्तन निदेशालय कोर्ट ने चार दिन की अंतरिम जमानत दी है। अदालत ने महेश जोशी की पत्नी की मौत होने पर उनके अंतिम क्रियाकलाप सहित अन्य धार्मिक रिवाजों को पूरा करने के लिए उन्हें अंतरिम जमानत का लाभ दिया है।
चार दिन की पुलिस रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को जोशी को विशेष अदालत में पेश किया। ईडी की ओर से अधिवक्ता अजातशत्रु मीणा ने अदालत को बताया कि महेश जोशी से पूछताछ पूरी हो गई है। ऐसे में उसे जेल भेज दिया जाए। इस दौरान जानकारी मिली की महेश जोशी की निजी अस्पताल में भर्ती उनकी पत्नी का निधन हो गया है। इस पर जोशी की ओर से अधिवक्ता दीपक चौहान ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर अंतिम संस्कार सहित अन्य धार्मिक रिवाजों में शामिल होने के लिए 14 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा करने की गुहार की। वहीं ईडी की ओर से कहा कि उन्हें सात दिन की अंतरिम जमानत में कोई आपत्ति नहीं है। इस पर अदालत ने जोशी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश देने के बाद अंतरिम जमानत का प्रार्थना पत्र स्वीकार कर 4 दिन की अंतरिम जमानत पर रिहा करने को कहा है।
गौरतलब है कि मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जारी समन की पालना में गत 24 अप्रैल को महेश जोशी ईडी कार्यालय गए थे। ईडी अधिकारियों ने करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद जोशी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद देर शाम जोशी को विशेष अदालत के न्यायाधीश के घर पेश कर सात दिन की रिमांड मांगी। इस पर अदालत ने जोशी को चार दिन का रिमांड दिया था। यह मामला केंद्र सरकार की हर घर नल पहुंचने वाली जल जीवन मिशन योजना से जुडा है। साल 2021 में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मेसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के ठेकेदार पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र दिखाकर जलदाय विभाग से करोडों रुपये के टेंडर हासिल किए थे। घोटाले का खुलासा होने पर एसीबी ने मामले की जांच की थी। वहीं बाद में ईडी ने मामला दर्ज कर महेश जोशी और उसके सहयोगी संजय बडाया सहित अन्य पर कार्रवाई की।
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(Udaipur Kiran)
