मुंबई, 29 मई (Udaipur Kiran) । पुणे पुलिस ने गुरुवार को कथित किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट के आरोप में ससून जनरल अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय टावरे को गिरफ्तार किया है। इस मामले की गहन छानबीन पुलिस कर रही है।
पुणे क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त निखिल पिंगले के अनुसार 2022 में पूर्व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय टावरे किडनी ट्रांसप्लांट को मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार क्षेत्रीय प्राधिकरण समिति के प्रमुख के रूप में कार्यरत थे। उस समय कोल्हापुर की एक महिला ने 15 लाख रुपये का वादा करके किडनी दान करने के लिए धोखे से खुद को एक पुरुष मरीज की पत्नी के रूप में पेश किया। पारस्परिक व्यवस्था में प्राप्तकर्ता की मां ने पुरुष मरीज को अपनी किडनी दान कर दी, जिसे स्वैप ट्रांसप्लांट के रूप में जाना जाता है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब रक्त समूह की असंगति के कारण सीधे परिवार का दान संभव नहीं होता है। इस संबंध में मई 2022 में रूबी हॉल क्लिनिक के प्रबंध ट्रस्टी और कई स्टाफ सदस्यों सहित 15 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जांचकर्ताओं का आरोप है कि इस मामले में डॉ. टावरे भी शामिल थे। इसी वजह से आज पुलिस ने डॉ. टावरे को गिरफ्तार किया है।
डॉ. टावरे पहले से ही हाई-प्रोफाइल पुणे पोर्श दुर्घटना में रक्त के नमूनों से कथित छेड़छाड़ से जुड़े एक अलग मामले में यरवदा सेंट्रल जेल में हिरासत में हैं। उनको रूबी हॉल क्लिनिक में 2022 के किडनी ट्रांसप्लांट घोटाले में उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए पुणे पुलिस ने आज गिरफ्तार किया है।
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(Udaipur Kiran) यादव
