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पूर्व बागवानी अधिकारी को भ्रष्टाचार के मामले में दो साल की कैद और जुर्माना

धर्मशाला, 03 अप्रैल (Udaipur Kiran) । बागवानी विभाग के पूर्व अधिकारी को भ्रष्टाचार के मामले में न्यायालय ने दोषी करार दिया है। विशेष न्यायाधीश-सह-अतिरिक्त सत्र न्यायालय कांगड़ा ने एक महत्वपूर्ण फैसले में आरोपित को धारा 409 के तहत दो वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 467 के तहत दो वर्ष की कैद 10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 471 के तहत दो वर्ष की कैद 10 हजार रुपये जुर्माना और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2) के तहत दो साल कैद तथा 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने की स्थिति में आरोपी को अतिरिक्त तीन महीने की सजा भुगतनी होगी।

जिला न्यायवादी, राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो धर्मशाला देवेंद्र चौधरी ने बताया कि तहसील बैजनाथ के तहत आते बड़ा भंगाल के एक निवासी ने पुलिस अधीक्षक, राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, धर्मशाला को शिकायत दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि वर्ष 2004-05 में बागवानी विभाग द्वारा बड़ा भंगाल के किसानों को फलदार पौधों की सब्सिडी दी जानी थी, लेकिन यह सहायता राशि किसानों तक नहीं पहुंची। विभाग की ओर से जाली रसीदें तैयार कर ली गईं और किसानों के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर सब्सिडी की रकम हड़प ली गई।

इस दौरान जब मामले की जांच की गई तो पाया गया कि संबंधित विभाग के अधिकारी ने किसानों की ओर से फर्जी आवेदन तैयार किए और उनके जाली हस्ताक्षर किए। इतना ही नहीं, सब्सिडी के लिए जारी किए गए बेयरर चेक पर भी जाली हस्ताक्षर कर बैंक से राशि निकाल ली। इस तरह अधिकारी ने कुल 1,82,000 रुपये की राशि का गबन कर लिया। इन सारे सबूतों के आधार पर न्यायालय द्वारा मामले में संलिप्त अधिकारी को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया। इसके अलावा, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत भी उन्हें सजा सुनाई गई। यह सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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पूर्व बागवानी अधिकारी को भ्रष्टाचार के मामले में दो साल की कैद और जुर्माना

धर्मशाला, 03 अप्रैल (Udaipur Kiran) । बागवानी विभाग के पूर्व अधिकारी को भ्रष्टाचार के मामले में न्यायालय ने दोषी करार दिया है। विशेष न्यायाधीश-सह-अतिरिक्त सत्र न्यायालय कांगड़ा ने एक महत्वपूर्ण फैसले में आरोपित को धारा 409 के तहत दो वर्ष के कठोर कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 467 के तहत दो वर्ष की कैद 10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 471 के तहत दो वर्ष की कैद 10 हजार रुपये जुर्माना और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2) के तहत दो साल कैद तथा 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने की स्थिति में आरोपी को अतिरिक्त तीन महीने की सजा भुगतनी होगी।

जिला न्यायवादी, राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो धर्मशाला देवेंद्र चौधरी ने बताया कि तहसील बैजनाथ के तहत आते बड़ा भंगाल के एक निवासी ने पुलिस अधीक्षक, राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, धर्मशाला को शिकायत दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि वर्ष 2004-05 में बागवानी विभाग द्वारा बड़ा भंगाल के किसानों को फलदार पौधों की सब्सिडी दी जानी थी, लेकिन यह सहायता राशि किसानों तक नहीं पहुंची। विभाग की ओर से जाली रसीदें तैयार कर ली गईं और किसानों के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर सब्सिडी की रकम हड़प ली गई।

इस दौरान जब मामले की जांच की गई तो पाया गया कि संबंधित विभाग के अधिकारी ने किसानों की ओर से फर्जी आवेदन तैयार किए और उनके जाली हस्ताक्षर किए। इतना ही नहीं, सब्सिडी के लिए जारी किए गए बेयरर चेक पर भी जाली हस्ताक्षर कर बैंक से राशि निकाल ली। इस तरह अधिकारी ने कुल 1,82,000 रुपये की राशि का गबन कर लिया। इन सारे सबूतों के आधार पर न्यायालय द्वारा मामले में संलिप्त अधिकारी को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया। इसके अलावा, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत भी उन्हें सजा सुनाई गई। यह सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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