
जम्मू, 17 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने गुरु रविदास को सामाजिक न्याय, समानता और आध्यात्मिक प्रबोधन का प्रतीक बताया। वे गुरु रविदास की शिक्षाओं पर गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय महासचिव, ब्रिटिश रविदासिया हेरिटेज फाउंडेशन की भारतीय शाखा के महासचिव और बेगमपुरा विश्व महासभा के सदस्य बलबीर राम रतन के साथ गुरु रविदास की शिक्षाओं पर चर्चा कर रहे थे। कविंदर गुप्ता ने इस पूज्य संत की शिक्षाओं की सराहना की, जो आज भी पूरे देश में पीढ़ियों को प्रेरित कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि गुरु रविदास एक आध्यात्मिक व्यक्तित्व थे, जिन्होंने एक ऐसे समाज की कल्पना की थी जो जातिगत भेदभाव और असमानता से मुक्त हो। उनकी शिक्षाएं सार्वभौमिक भाईचारे, करुणा और श्रम की गरिमा को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में उनका संदेश पहले से भी अधिक प्रासंगिक है। गुरु रविदास की समावेशी विचारधारा को रेखांकित करते हुए गुप्ता ने कहा कि संत की कविता और आध्यात्मिक दृष्टि एक ऐसे समाज की वकालत करती है, जहाँ हर व्यक्ति—चाहे उसकी जाति या धर्म कोई भी हो—सम्मान और गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार रखता हो।
बलबीर राम रतन ने कहा कि गुरु रविदास एक सच्चे समाज सुधारक थे, जिन्होंने अपने समय की सामाजिक कुरीतियों को ज्ञान और भक्ति की शक्ति से चुनौती दी। उन्होंने भारत और विदेशों में कार्यरत उन संगठनों की भी सराहना की जो गुरु रविदास की शिक्षाओं को संरक्षित करने और सामाजिक-सांस्कृतिक तानेबाने को सशक्त बनाने में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा गुरु रविदास का जीवन हर भारतीय के लिए गौरव का विषय है। उनके मूल्यों ने हमारे संविधान के समानता और न्याय के सिद्धांतों को गहराई से प्रभावित किया है। उन्होंने युवा पीढ़ी से आग्रह किया कि वे गुरु रविदास द्वारा सिखाए गए मूल्यों को अपनाएं और एक अधिक समावेशी और करुणामयी समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
