RAJASTHAN

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उठाए विधानसभा अध्यक्ष के निर्णयों पर सवाल, निष्पक्षता पर खड़े किए प्रश्नचिह्न

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।

जयपुर, 17 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान विधानसभा में हाल के दिनों में लिए गए निर्णयों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के फैसलों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा लगातार ऐसे फैसले किए जा रहे हैं जो इस पद की गरिमा एवं निष्पक्षता की कसौटी पर खरे नहीं उतरते।

उन्होंने लिखा कि पहले कांग्रेस के छह विधायकों को निलंबित किया गया, फिर मीडिया की अपुष्ट खबरों के आधार पर सदन में चर्चा कर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की अनुपस्थिति में उनके खिलाफ टिप्पणी कर जनमत का अपमान किया गया।

इसके साथ ही गहलोत ने एक मई को अंता से भाजपा विधायक को तीन साल की सजा सुनाए जाने के बावजूद उनकी विधानसभा सदस्यता अब तक रद्द न किए जाने को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के लिली थॉमस मामले के हवाले से कहा कि किसी भी विधायक या सांसद को दो साल या अधिक की सजा होने पर उसी दिन से सदस्यता स्वतः रद्द हो जाती है।

गहलोत ने यह भी कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र बुढ़ानिया को 30 अप्रैल को विशेषाधिकार समिति का अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन मात्र 15 दिन में ही उन्हें इस पद से हटा दिया गया, जो विधानसभा की परंपराओं के विरुद्ध है। आमतौर पर इन समितियों के अध्यक्ष का कार्यकाल कम से कम एक वर्ष का होता है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि वे अपने निर्णयों पर पुनर्विचार करें और विधानसभा की गरिमा, निष्पक्षता तथा परंपराओं के अनुरूप कार्य करें।

—————

(Udaipur Kiran) / रोहित

Most Popular

To Top