जयपुर, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान सरकार की स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। क्योंकि इस योजना के तहत फंड रिलीज में देरी के कारण विदेशों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत भी इससे खफा है।
उन्होंने एक्स पर पाेस्ट लिखकर अपनी पीड़ा जाहिर की। उन्हाेंने लिखा कि हमारी सरकार ने विदेश में राजस्थान के बच्चों की पढ़ाई के लिए राजीव गांधी स्कॉलरशिप शुरू की थी जिससे 500 बच्चे विदेश में जाकर पढ़ सकें। जैसे बाबासाहेब अम्बेडकर को बड़ौदा के महाराज ने विदेश पढ़ने भेजा था। आज उनकी पहचान भारत के संविधान निर्माता के रूप में है। इसी प्रकार हमारे प्रदेश के विद्यार्थी विदेश पढ़कर आते और कोई वैज्ञानिक बनता, कोई टेक्नोक्रेट बनता, कोई आईटी एक्सपर्ट बनता और प्रदेश के लिए अच्छा ह्यूमन रिसोर्स तैयार होता।
गहलोत ने लिखा कि हमारी सरकार बदलने के बाद से ही भाजपा सरकार ने बिना परिणाम सोचे योजनाओं को रोकना और कमजोर करना शुरू किया। इसका नतीजा यह हुआ कि राजीव गांधी स्कॉलरशिप के माध्यम से विदेश पढ़ने गए बच्चों की फीस और वहां रहने का खर्च अटक गया एवं वो विदेश में मजबूरी भरी जिंदगी जी रहे हैं। जब वहां आजीविका के लिए ही उन्हें संघर्ष करना पड़ेगा तो वो पढ़ाई कैसे करेंगे?
सत्ताधारी पार्टी बदलने से सरकार की जिम्मेदारी समाप्त नहीं होती है। ये बच्चे सरकार की स्कीम पर भरोसा कर दूसरे देश पढ़ने गए थे। यदि सरकार इस तरह काम करेगी तो जनता का भरोसा सरकार से उठ जाएगा।
उन्होंने लिखा कि मुझे पता नहीं कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को योजनाओं में बाधा पहुंचाने के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य समेत अलग-अलग क्षेत्रों में जनता को आ रही परेशानी के बारे में जानकारी है भी या नहीं। मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करना चाहूंगा कि यदि इस योजना में कोई सुधार की आवश्यकता है तो वो करवाएं परन्तु जो विद्यार्थी विदेश में पहुंच गए हैं उनकी राशि अविलंब रिलीज करें और जिन बच्चों को विदेश में एडमिशन मिल गया है पर वो राशि ना मिल पाने के कारण यहां अटके हुए हैं उन्हें भी तुरंत राशि दी जाए जिससे वो आगे बढ़ सकें।
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(Udaipur Kiran) / रोहित