जयपुर, 17 नवंबर (Udaipur Kiran) । राज्य में वर्तमान में संचालित संपूर्ण स्कूली पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए राज्य स्तर पर पाठ्यक्रम की समीक्षा समिति का गठन किया गया है।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने गत दिनों सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि पाठ्यक्रम में पढ़ाए जा रहे कुछ अवांछनीय प्रसंगों और विषयों को हटाया जाएगा तथा पूरे स्कूल शिक्षा के पाठ्यक्रम की समीक्षा कर उसे समयानुकूल और राष्ट्रीय भावना से परिपूर्ण बनाया जाएगा। इसी क्रम में मंत्री के निर्देश के बाद प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग हरकत में आया और अब विभाग ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए पाठ्यक्रम समीक्षा की पहल कर समिति का गठन किया है।
समिति का अध्यक्ष कुलपति वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा के प्रोफेसर कैलाश सोडाणी को बनाया गया है। जबकि हनुमान सिंह राठौड़ शिक्षाविद समिति के उपाध्यक्ष होंगे। समिति में डी रामाकृष्ण राव शिक्षाविद एनसीआरटी दिल्ली सलाहकार सदस्य बनाए गए हैं जबकि सदस्य सचिव के रूप में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के विशेषाधिकारी सतीश कुमार गुप्ता कार्य करेंगे। समिति में पूर्व कुलपति कोटा यूनिवर्सिटी तथा पूर्व सदस्य राजस्थान लोक सेवा आयोग प्रोफेसर प्रमेंद्र कुमार दशोरा, पूर्व अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर प्रोफेसर भारत राम कुमार, सेवानिवृत शिक्षाविद श्याम सुंदर बिस्सा, जयंतीलाल खंडेलवाल विशेषज्ञ जयपुर तथा कन्हैया लाल बेरीवाल सेवानिवृत्ति आईपीएस जयपुर को समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है।
प्रारंभिक शिक्षा (आयोजना) विभाग,राजस्थान सरकार के आदेश अनुसार यह समीक्षा समिति राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)2020 के प्रावधानों एवं राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा एवं राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए संपूर्ण स्कूली पाठ्यक्रम की विषय वस्तु, छायाचित्र, रेखाचित्र, सामग्री संकलन, व्याख्या का अध्ययन एवं समीक्षा कर सुझाव 30 दिवस में राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर को प्रस्तुत करेगी।
उल्लेखनीय है कि 14 नवंबर 2024 को शिक्षा मंत्री के विशेषाधिकारी सतीश कुमार गुप्ता के नेतृत्व में डॉ जगदीश नारायण विजय तथा डॉ सुरेंद्र गोधरा के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली का दौरा कर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सकलानी एवं सचिव अमन शर्मा से मुलाकात कर पाठ्यक्रम समीक्षा के नियम और कानूनी प्रावधानों को लेकर विस्तृत चर्चा की थी।
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(Udaipur Kiran) / रोहित