
अलवर, 18 मई (Udaipur Kiran) । वन मंत्री संजय शर्मा ने शनिवार देर रात सरिस्का वन क्षेत्र की विभिन्न चौकियों का औचक निरीक्षण कर लापरवाह कर्मचारियों को फटकार लगाई और चौकियों की व्यवस्था की हकीकत जानी। निरीक्षण का समय था रात 12 बजे से एक बजे के बीच, जब अधिकतर लोग गहरी नींद में सोते हैं। लेकिन, मंत्री की सक्रियता ने वन विभाग को अलर्ट कर दिया है।
वन मंत्री सबसे पहले थैंक्यू बोर्ड नाके पर पहुंचे, जहां ड्यूटी पर तैनात एक कर्मचारी सोते हुए मिला। इस पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि
सरकार सोने की तनख्वाह देती है या ड्यूटी करने की?
इसके बाद उन्होंने कर्मचारियों की उपस्थिति और ड्यूटी शेड्यूल की जानकारी ली। मौके पर मौजूद रजिस्टर की भी जांच की गई।
इसके बाद वन मंत्री कुशालगढ़ नाके पर पहुंचे। यहां भी कर्मचारियों की संख्या कम मिली और रजिस्टर की जांच के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं। उन्होंने अन्य कर्मचारियों की गैरमौजूदगी पर कारण पूछा और सभी को रात में सतर्क रहने की सख्त हिदायत दी।
रात करीब एक बजे मंत्री सरिस्का वन चौकी पहुंचे, जहां होम गार्ड सोते हुए मिला। मंत्री को सामने देख वह घबरा गया और सफाई देने लगा। मंत्री ने न सिर्फ उसे जगाया बल्कि पूरे चेक पोस्ट का निरीक्षण किया और सभी कर्मचारियों को ड्यूटी के प्रति सजग रहने के निर्देश दिए।
सोमवार 19 मई को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का अलवर दौरा प्रस्तावित है। वे सरस डेयरी परिसर में होने वाले किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे। उनके साथ केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और वन मंत्री संजय शर्मा सहित कई अन्य नेता उपस्थित रहेंगे। सीएम के दौरे से एक दिन पहले मंत्री द्वारा किया गया यह औचक निरीक्षण विभागीय अनुशासन के लिहाज से अहम माना जा रहा है। कुछ दिन पहले भी वन मंत्री संजय शर्मा ने सरिस्का की टहला रेंज के घाटला ऑफिस का निरीक्षण किया था। उस दौरान दिन में ही दो कर्मचारी सोते हुए मिले थे। मंत्री ने खुद जाकर चादर हटाई और दोनों को जगाया। कार्यालय में फैली गंदगी और लकड़ी जलाने पर भी उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मैसेज नहीं पता? लकड़ी जलाकर प्रदूषण नहीं फैलाना है।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
