Jammu & Kashmir

जम्मू-कश्मीर में प्रमुख विकास परियोजनाओं को वन मंजूरी दी गई

जम्मू 11 जनवरी (Udaipur Kiran) । जल शक्ति, वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण तथा जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद अहमद राणा ने जम्मू-कश्मीर में विकास को गति देने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं के लिए वन मंजूरी दे दी।

ये मंजूरी केंद्र शासित प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विस्तार और आर्थिक विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की दिशा में एक बड़ा कदम है, साथ ही साथ पर्यावरण संबंधी मुद्दों को भी हल किया जाएगा।

स्वीकृत परियोजनाओं में जल आपूर्ति योजनाएं भट्टन, केवा, अमरोथी, दारसू गुड्डर आदि शामिल हैं जिनका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आवश्यक बुनियादी ढांचे में सुधार करना है। बाबेटी में 4जी संतृप्ति परियोजना को भी मंजूरी दे दी गई है जिससे दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने पर सरकार का ध्यान केंद्रित हो गया है।

इसके अतिरिक्त 400 केवी एस/सी दुलहस्ती से किशनपुर ट्रांसमिशन लाइन के पुनर्मार्ग को आगे बढ़ाया गया है जिससे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुचारू विद्युत संचरण और बेहतर ऊर्जा दक्षता सुनिश्चित होगी।

उन्होंने अधिकारियों को किसी भी पारिस्थितिक असंतुलन को रोकने सतत विकास और बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के लिए आक्रामक प्रतिपूरक वनीकरण करने का निर्देश दिया।

मंत्री जावेद राणा ने मंजूरी की घोषणा करते हुए क्षेत्र की विकासात्मक जरूरतों को पूरा करने में इन परियोजनाओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा इन परियोजनाओं के लिए वन मंजूरी पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए जम्मू और कश्मीर में विकास को तेज करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हम समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाने वाले तरीके से विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं।

मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पर्यावरण मानदंडों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए इन परियोजनाओं की सावधानीपूर्वक समीक्षा की गई है, जो विकास और संरक्षण के लिए सरकार के संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने पर्यावरण सुरक्षा उपायों से समझौता किए बिना मंजूरी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए वन विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों की सक्रिय कोशिशों की भी सराहना की।

ये मंजूरियाँ सरकार के न्यायसंगत विकास के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाती हैं, जो उन परियोजनाओं को प्राथमिकता देती हैं जो लंबे समय से चली आ रही बुनियादी ढाँचे की कमियों को दूर करती हैं और निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाती हैं। मंत्री राणा ने इन परियोजनाओं के समय पर कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया और आश्वासन दिया कि प्रशासन देरी से बचने के लिए उनकी प्रगति की बारीकी से निगरानी करेगा।

ये मंजूरियाँ ऐसे समय में मिली हैं जब सरकार शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के उत्थान के प्रयासों को दोगुना कर रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि विकास जमीनी स्तर तक पहुँचे। इन स्वीकृतियों के साथ मंत्रालय ने क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा करते हुए क्षेत्र के विकासात्मक परिदृश्य को बदलने के अपने संकल्प को प्रदर्शित किया है।

(Udaipur Kiran) / मोनिका रानी

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