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रामगढ़, 14 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । रामगढ़ जिले में कोयला तस्करों की सक्रियता इतनी अधिक बढ़ गई है कि वन प्रमंडल पदाधिकारी उसे रोकने में अक्षम साबित हो रहे हैं। वन क्षेत्र में होने वाले गैर कानूनी गतिविधियों और कोयला तस्करों को रोकने में इसलिए भी सफलता नहीं मिल रही है, क्योंकि मांडू और रामगढ़ के वन क्षेत्र पदाधिकारी अपने एरिया से ही गायब हैं। ऐसी स्थिति से कोयला तस्करों की बल्ले बल्ले है और वन विभाग के अधिकारी कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं। तस्करों के बढ़ते मनोबल से डीएफओ त्रस्त हो गए हैं। उन्होंने अब इन दोनों क्षेत्रों में वन क्षेत्र पदाधिकारी का प्रभार किसी दूसरे पदाधिकारी को देने के लिए वन संरक्षक, प्रादेशिक अंचल, बोकारो को पत्र लिखा है।
डीएफओ ने पत्र में कहा है कि मांडू और रामगढ़ के वन क्षेत्र पदाधिकारी अपने क्षेत्र में उपस्थित नहीं रहते हैं। मांडू के वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार को गिरिडीह, बगोदर और चतरा का भी प्रभार मिला हुआ है। रामगढ़ के वन क्षेत्र पदाधिकारी सुरेश राम को भी बगोदर, गोमिया और डुमरी का प्रभार मिला हुआ है। ऐसी स्थिति में वे लोग क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज ही नहीं कर पाते हैं। जिसका कुप्रभाव गैर कानूनी गतिविधियों के रोकथाम पर पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में कुजू वन क्षेत्र पदाधिकारी बटेश्वर पासवान को मांडू और रामगढ़ वन क्षेत्र पदाधिकारी का प्रभार देने की अनुशंसा उन्होंने
की है।
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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश
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