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जगदीश टाइटलर के खिलाफ सिख विरोधी दंगों में फोरेंसिक विभाग अधिकारी एस इंग्रासल का हुआ क्रॉस-एग्जामिनेशन

राऊज एवेन्यू कोर्ट

नई दिल्ली, 7 मार्च (Udaipur Kiran) । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में आज 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा के आरोपित जगदीश टाइटलर के खिलाफ दर्ज मामले में फोरेंसिक विभाग के अधिकारी एस इंग्रासल का क्रॉस-एग्जामिनेशन किया गया। स्पेशल जज जीतेंद्र सिंह ने फोरेंसिक विभाग के सीनियर साइंटिफिक अफसर अमितोष कुमार का बयान दर्ज करने के लिए 18 मार्च की तिथि नियत करने का आदेश दिया।

आज सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर कोर्ट में मौजूद थे। सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर की ओर से पेश वकील अनिल कुमार शर्मा ने फोरेंसिक अधिकारी एस इंग्रासल का क्रास-एग्जामिनेशन किया। इसके पहले 27 फरवरी को एस इंग्रासल के बयान दर्ज किए गए थे। इंग्रासल के बयान के समय कोर्ट में सीडी प्ले कर आवाज के नमूनों की पहचान की गई थी।

7 फरवरी को कोर्ट ने फोरेंसिक लेबोरेटरी के दूसरे अधिकारी का बयान दर्ज किया गया गया था। इसके पहले 28 जनवरी को टाइटलर के आवाज के नमूने रिकॉर्ड करने वाले फोरेंसिक लेबोरेटरी के अधिकारी का बयान दर्ज किया गया था। कोर्ट में जगदीश टाइटलर के रिकार्डेड आवाज के नमूने को कोर्ट में प्ले किया गया था।

12 नवंबर 2024 को इस मामले की शिकायतकर्ता लखविंदर कौर का क्रास-एग्जामिनेशन किया गया था। जगदीश टाइटलर की ओर से अनिल कुमार शर्मा ने इस मामले की शिकायतकर्ता लखविंदर कौर का क्रास-एग्जामिनेशन किया। 3 अक्टूबर 2024 के इस मामले में शिकायतकर्ता लखविंदर कौर ने अपना बयान दर्ज कराया था। लखविंदर कौर ने कहा था कि ग्रंथी सुरेंदर सिंह ने उन्हें बताया कि उनके पति बादल सिंह को गुरुद्वारा पुलबंगश के पास भीड़ ने हत्या कर दी। जगदीश टाइटलर उस भीड़ को उकसा रहे थे और कह रहे थे कि सिखों को मार दो , उजाड़ दो, गुरुद्वारा को आग लगा दो।

टाइटलर ने राऊज एवेन्यू की ओर से आरोप तय करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है जो अभी लंबित है। हाईकोर्ट ने 11 नवंबर 2024 को राऊज एवेन्यू कोर्ट में ट्रायल की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा चलेगा।

कोर्ट ने 30 अगस्त को टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 149,153A,188, 109, 295,, 380, 302 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर की ओर से पेश वकील मनु शर्मा ने कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि 2009 में सह-आरोपी सुरेश कुमार पानेवाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया था जिसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया। मनु शर्मा ने कहा कि 1984 से 2022-23 तक इस मामले में कोई गवाह नहीं था। इतने लंबे समय बाद बनाए गए गवाहों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है। 4 अगस्त 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी। कोर्ट ने 26 जुलाई 2023 को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत लगाया है। सीबीआई के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था, जिसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दिया था।

(Udaipur Kiran) / संजय

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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