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कूटनीतिक संवाद की कड़ी में चार प्रतिनिधिमंडलों को विदेश सचिव ने किया ब्रीफ

Foreign Secretary Vikram Mistry will go to China to attend the meeting

नई दिल्ली, 23 मई (Udaipur Kiran) । विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अमेरिका और अन्य देशों की यात्रा पर जाने वाले चार संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को भारत के कूटनीतिक संवाद के तहत चल रहे वैश्विक अभियान को लेकर ब्रीफ किया। इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर सहित भारत के विरुद्ध पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को विश्व समुदाय के समक्ष प्रस्तुत करना है।

इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर, भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-समाजवादी पक्ष (एनसीपी-एसपी) सांसद सुप्रिया सुले और भाजपा सांसद बैजयंत पांडा कर रहे हैं।

विदेश सचिव की ब्रीफिंग के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हम सांसदों, थिंक टैंकों, मीडिया और आम नागरिकों से मिलेंगे। यह एक व्यापक प्रयास है। हमारा लक्ष्य है कि इन देशों की जनता, संसद और सरकार को हमारी चिंताओं के प्रति संवेदनशील बनाएं और भारत का पक्ष मजबूती से रखें।

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पार्टी मतभेदों से ऊपर उठकर सभी सांसदों को भारत का पक्ष दुनिया के सामने स्पष्ट रूप से रखना चाहिए। पहलगाम की बर्बर घटनाओं के बाद दुनिया को बताना जरूरी है कि भारत शांति और कूटनीति चाहता है, लेकिन हमले होंगे तो जवाब भी देंगे। पाकिस्तान का 70 वर्षों का इतिहास सबके सामने है। भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है जहां निर्णय सेना नहीं बल्कि चुनी हुई सरकार लेती है।

भाजपा सांसद बैजयंत पांडा ने कहा कि विदेश सचिव और उनकी टीम से हमें व्यापक जानकारी मिली। भारत में जो एकता दिख रही है, वह इस अभियान के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। हम यह संदेश लेकर पूरी दुनिया तक पहुंचेंगे।

सुप्रिया सुले ने कहा कि हम शांति और मित्रता का संदेश देने जा रहे हैं। हमारा समूह कल दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया और कतर की यात्रा पर रवाना होगा। भारत आतंकवाद के खिलाफ है और यह कतई बर्दाश्त नहीं है। हम आतंक के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि आतंकवाद एक गंभीर समस्या है, जिससे भारत 1947 से पीड़ित रहा है। यही कारण है कि पाकिस्तान और भारत के बीच कभी अच्छे संबंध नहीं बन सके। दुनिया का कोई देश ऐसा नहीं है जो आतंकवाद के दंश से अछूता हो।

प्रतिनिधिमंडलों की जानकारी –

गयाना, कोलंबिया, पनामा, ब्राज़ील और अमेरिका

शशि थरूर, शंभवी (लोजपा-रामविलास), सरफराज अहमद (झामुमो), जी एम हरीश बालयोगी (तेदेपा), शशांक मणि त्रिपाठी (भाजपा), भुवनेश्वर कलिता (भाजपा), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (भाजपा), तरणजीत संधू (पूर्व राजनयिक)।

यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली और डेनमार्क

रविशंकर प्रसाद, दग्गुबाती पुरंदेश्वरी (भाजपा), प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना – उद्धव), गुलाम नबी खताना (नामित), अमर सिंह (कांग्रेस), सामिक भट्टाचार्य (भाजपा), एम. जे. अकबर (पूर्व केंद्रीय मंत्री), पंकज सरन (पूर्व राजनयिक)।

मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका

सुप्रिया सुले, राजीव प्रताप रूडी (भाजपा), विक्रमजीत साहनी (आप), मनीष तिवारी (कांग्रेस), अनुराग ठाकुर (भाजपा), लवू श्रीकृष्ण देवरायलु (तेदेपा), वी. मुरलीधरन (पूर्व केंद्रीय मंत्री), आनंद शर्मा (पूर्व केंद्रीय मंत्री), सैयद अकबरुद्दीन (पूर्व राजनयिक)।

सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया

बैजयंत पांडा निशिकांत दुबे (भाजपा), फांगनोन कोन्याक (भाजपा), रेखा शर्मा (भाजपा), असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम), सतनाम संधू (नामित), गुलाम नबी आजाद (पूर्व मंत्री), हर्षवर्धन श्रृंगला (पूर्व विदेश सचिव)।

उल्लेखनीय है कि शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे, जेडी(यू) नेता संजय कुमार झा और डीएमके नेता के. कनिमोझी के नेतृत्व में तीन प्रतिनिधिमंडल पहले ही यूएई, जापान और रूस की यात्रा पर हैं।

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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा

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