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नेपाल में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए विदेशी पर्वतारोही को चुकाने होंगे 15 हजार अमेरिकी डॉलर 

माउंट एवरेस्ट

काठमांडू, 21 जनवरी (Udaipur Kiran) । नेपाल सरकार की तरफ से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई परमिट शुल्क बढ़ाने का फैसला किया गया है। 8000 मीटर से ऊंची सभी चोटियों पर चढ़ने का परमिट शुल्क में बढ़ोतरी की गयी है।

8 जनवरी को हुई कैबिनेट की बैठक के फैसले को नेपाल के राजपत्र में प्रकाशित करने के बाद 1 सितंबर 2025 से बढ़े हुए शुल्क लागू किए जाने की बात का उल्लेख है। मंगलवार को नेपाल गैजेट्स के प्रकाशित संशोधित परमिट शुल्क के साथ ही इस संबंध में बदलाव किए गए सभी नियमों को विस्तार से बताया गया है।

नए संशोधित मूल्य के बारे में पर्यटन मंत्रालय ने मंगलवार को पत्रकार सम्मेलन कर सार्वजनिक किया है। मंत्रालय के प्रवक्ता इंदु घिमिरे ने कहा कि संशोधित पर्वतारोहण नियमों के तहत, वसंत ऋतु (मार्च-मई) में सामान्य दक्षिण मार्ग से एवरेस्ट पर चढ़ने वाले विदेशियों के लिए रॉयल्टी शुल्क को वर्तमान 11,000 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति से बढ़कर 15,000 कर दिया गया है।

इसी तरह शरद ऋतु का मौसम (सितंबर-नवंबर) चढ़ाई शुल्क 5,500 अमेरिकी डॉलर से बढ़ा कर 7,500 अमेरिकी डॉलर कर दिया गया है। हो गया है। ऐसे ही सर्दियों (दिसंबर-फरवरी) और मानसून (जून-अगस्त) के मौसम के लिए प्रति व्यक्ति परमिट शुल्क 2,750 अमेरिकी डॉलर से बढा कर 3,750 अमेरिकी डॉलर हो गई है।

पिछली बार रॉयल्टी शुल्क संशोधन 1 जनवरी 2015 को किया गया था, जब सरकार ने सामान्य मार्ग से वसंत ऋतु के मौसम के लिए समूह-आधारित प्रणाली से 11,000 अमेरिकी डॉलर प्रति पर्वतारोही किया गया था। दस वर्ष बाद एक बार फिर से इसमें संशोधन किया गया है।

नेपाली पर्वतारोहियों के लिए, वसंत चढ़ाई के मौसम के दौरान सामान्य मार्ग के लिए रॉयल्टी शुल्क 75,000 रुपये से दोगुना होकर 150,000 रुपये हो गया है। चढ़ाई परमिट, जो पहले 75 दिनों के लिए मान्य था, अब 55 दिनों तक सीमित होगा। कम वैधता का उद्देश्य चढ़ाई गतिविधियों को सुव्यवस्थित करना है।

संशोधित नियमों के अनुसार, आगामी वसंत ऋतु से, एवरेस्ट पर्वतारोहियों को उचित निपटान के लिए अपने अपशिष्ट को आधार शिविर में वापस लाने की आवश्यकता होगी। ऊपरी पहुंच में अपशिष्ट एकत्र करने के लिए पर्वतारोहियों को बायोडिग्रेडेबल बैग ले जाना अनिवार्य बनाया गया है।

नए नियमों के अनुसार, पर्वतारोहियों को पर्यटन विभाग द्वारा जारी अपने परमिट दस्तावेज में सूचीबद्ध नहीं होने वाली वस्तुओं को ले जाने से रोक दिया गया है। 8,000 मीटर से ऊपर के पहाड़ों से पैराग्लाइडिंग की अनुमति दी गई है। इसके लिए सुरक्षा के सभी मानकों का पालन अनिवार्य बनाते हुए गाइड के साथ होने को भी अनिवार्य शर्त बनाया गया है।

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(Udaipur Kiran) / पंकज दास

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