बोले—किसी भी स्थिति में निजीकरण स्वीकार नहीं करेंगे,विभाग के ओटीएस की सफलता के लिए जागरूकता पर दिया जोर
वाराणसी,16 जनवरी (Udaipur Kiran) । निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आवाहन पर लगातार तीसरे दिन गुरूवार को भी कर्मचारियों ने पूरे दिन काली पट्टी बांधकर कार्य किया। भोजनावकाश में कर्मचारियों ने लामबंद होकर विरोध प्रदर्शन के बाद भेलूपुर में विभाग के ओटीएस की सफलता के लिए जागरूकता अभियान में भागीदारी की।
समिति के पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन के बीच कहा कि केन्द्र सरकार ने निजीकरण के लिए बिडिंग डॉक्यूमेंट को अनुमति नहीं दी है। तो किस डॉक्यूमेंट के आधार पर निजीकरण किया जा रहा है। पदाधिकारियों ने कहा कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने निजीकरण के लिए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट नियुक्त करने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। और इसकी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। संघर्ष समिति ने कहा कि जब यह डॉक्यूमेंट भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के विचारों का प्रतिनिधित्व ही नहीं करता तो इसका उल्लेख कर निजीकरण करने का साफ मतलब है कि निजी घरानों का नाम पहले ही तय कर लिया गया है और बिडिंग एक धोखा है। संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मचारी लगातार आन्दोलित हैं और वे किसी भी स्थिति में निजीकरण स्वीकार नहीं करेंगे।
विरोध प्रदर्शन में ई.मायाशंकर तिवारी,ई.नरेंद्र वर्मा, विजय सिंह,राजेन्द्र सिंह,ई.प्रकाशदेव पाण्डेय आदि ने भागीदारी की।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी