उज्जैन,17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जिले में पुलिस कार्रवाई के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एसपी के निर्देश पर जिले के सभी थानों ने 15 दिन का विशेष अभियान चलाया और 162 दो पहिया वाहन जब्त किए, जोकि चोरी के या अवैध थे। इसीप्रकार 15 आरोपी भी गिरफ्तार किए। इन वाहनों को एक स्थान पर एकत्रित करने के बाद एसपी ने इनका ड्रोन केमरे से फोटो/वीडियो बनवाया। इस कार्रवाई के बाद संभावना है कि वाहन चोरों को सबक मिलेगा ओर जिलेवासी लगातार हो रही वाहन चोरी की घटनाओं से मुक्ति पाएंगे।
मंगलवार अपरांह एसपी प्रदीप शर्मा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि जिले के अपराधों की समीक्षा करने पर यह बात सामने आई कि जिले के विभिन्न थानों में वाहन चोरी के मामले लंबित है। इसीप्रकार वाहन चोरी की घटनाएं लगातार हो रही है। इसी को आधार बनाकर उन्होने एक नवाचार किया। लंबित वाहन चोरी की घटनाओं तथा वाहन चोरों पर प्रभावी कार्रवाही करनेे हेतु जिले सभी एएसपी,सीएसपी,एसडीओपी, थाना प्रभारी तथा क्राइम ब्रान्च की विशेष बैठक ली। योजना बनाई कि वाहन चोरी की घटनाओं का बिंदुवार विश्लेषण किया जाए।
यह नवाचार किया एसपी ने
एसपी प्रदीप शर्मा के अनुसार उन्होने टिप्स दी कि- सभी थाना प्रभारी वाहन चोरी की घटनाओं के घटना स्थल का पुन: निरीक्षण करे। घटना के समय, संकलित किए गए सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी डाटा, पूर्व के आदतन अपराधियों से पूछताछ, घटना के समय अज्ञात आरोपियों द्वारा उपयोग किए गए रास्ते आदि का सूक्ष्मता से परीक्षण करे। इसके लिए मुखबीरों की मदद लें।
एसपी के अनुसार इसके परिणाम सामने आए। बिंदुवार जानकारी एकत्रित करने और मुखबिरो से प्राप्त सूचना तथा आसपास के थाना क्षेत्र व जिलो के वाहन मेकेनिकों आदि से संकलित जानकारी के आधार पर एक कार्ययोजना तैयार हो गई। इसेे आधार बनाकर उन्होने जिलेभर के थानों पर निर्देश दिए कि 15 दिन का विशेष अभियान चलाया जाए। अभियान में चोरों पर शिकंजा कसा जाए और चोरी गए वाहनों की जब्ती की जाए। थाना क्षेत्रों में समय और स्थान बदल-बदलकर जांच अभियान चलाया जाए। हर वह वाहन जोकि संदिग्ध लगे या वाहन चालक जो संदिग्ध दिखे,उससे कड़ी पूछताछ की जाए। थाना क्षेत्रों में पूर्व में चोरी,नकबजनी आदि वारदातों में पकड़ाए गए थे,उन पर नजर रखी जाए। उनके निर्देश के परिणाम सामने आ गए।
समीपस्थ जिलों में भी की कार्रवाई
एसपी शर्मा ने बताया कि समीपस्थ जिलों में कार्रवाई के लिए अलग-अलग टीम बनाई गई,जिसमें एएसपी,सीएसपी,थाना प्रभारी तथा क्राइम ब्रांच के अधिकारी शामिल थे।
* जिला देवास के सांमगी, टोककला एवं पांदा में निवासरत आपराधिक व्यक्तियों की, इनके डेरो की रैकी की गई। वहां निवासरत संदेहियों की जीवन शैली के संबंध में जानकारी एकत्रित की गई। डेरो पर पहुंचने वाले सभी सम्भावित मार्गो पर रैकी कर दबिश दी गई।
* जिला रतलाम के थाना ताल के ग्राम पंथ पिपलोदा तथा जावरा के ग्राम उकेरिया, टांडा, राजाखेडी, ग्राम भूतेडा दबिश दी गई।
* जिला झालावाड, राजस्थान के ग्राम बामनदेवरिया थाना उन्हेल नागेश्वर में स्थित अपराधिक लोगो के डेरो पर दबिश दी गई।
यहां भी मिला इनपुट
एसपी ने बताया कि उज्जैन जिले के (शहर एवं देहात) के पार्किंग की चेकिंग कर संदिग्ध व्यक्तियों तथा पार्किग से जानकारी प्राप्त की गई। यह ज्ञात हुआ कि अधिकांश वाहनों की चोरी पार्किंग स्थलों से हुई है। इस आधार पर शहर में मुख्य पार्किंग स्थल आर.डी. गार्डी हॉस्पिटल की पार्किंग, महाकाल पार्किंग,रेलवे स्टेशन पार्किंग आदि मुख्य स्थानों के पार्किंग स्थलों की जांच की गई । इन सभी तथ्यों के आधार पर चलाए गए 15 दिन के अभियान के बाद उज्जैन पुलिस को 162 वाहन जप्त करने तथा 15 आरोपीयों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली। इन वाहनों का उपयोग चेन स्नेचिंग, ट्रक कटिंग और एनडीपीएस एक्ट व आबकारी एक्ट के परिवहन में किए जाने की आशंका भी है।
वाहन नम्बर के आधार पर बुलाएंगे वाहन मालिकों को
एसपी ने बताया कि जब्त वाहन नम्बर के आधार पर वाहन मालिकों की सूची बना ली गई है, इनको बुलाया जाएगा। इनमें से अनेक वाहन मालिक वे होंगे जिनके वाहन चोरी हुए। वे भी होंगे जिन्होने किसी को वाहन बेचा और उसके बाद चोरी हो गया। बैंक द्वारा जब्ती किए जानेवाले वाहन भी होंगे। कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें वाहन मालिक के किसी परिचित या उनके नौकर ने वाहन का उपयोग किया और बाद में वापस नहीं किया। पुलिस इन सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन वाहनों का अपराधों में कैसे उपयोग किया गया। पुलिस विभाग मामले की तह तक जाकर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर रहा है।
एसपी की अपील: वाहन स्वामी यहां दें ध्यान
* सुरक्षित पार्किंग चुनें। * हमेशा अपने वाहन को सुरक्षित और सीसीटीवी कैमरे लगे स्थानों पर पार्क करें। * सुनसान या अंधेरी जगहों से बचें। * लॉक सिस्टम का उपयोग करें। * हमेशा हैंडल लॉक करें। * अतिरिक्त सुरक्षा के लिए डिस्क ब्रेक लॉक या चेन लॉक का उपयोग करें। * जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस लगवाएं। * अलार्म सिस्टम लगवाएं जो चोरी के प्रयास पर आवाज करे। * इंजन इम्मोबिलाइजर का उपयोग करें, जिससे बिना सही चाबी के वाहन स्टार्ट न हो सके। * वाहन को सार्वजनिक स्थानों पर ज्यादा समय तक न छोड़ें। * वाहन में डबल लॉकिंग सिस्टम- क्लच लॉक और गियर लॉक लगवाएं,यह वाहन को स्टार्ट करना और हिलाना मुश्किल बनाता है। * वाहन को घर के अंदर रखें या घर के परिसर में खड़ा करें। * नई तकनीक वाली स्मार्ट की का उपयोग करें, जिसमें डिजिटल कोड याफिंगरप्रिंट का विकल्प है। * ऐसी फ्लैश लाइट्स लगवाएं जो किसी के छूने पर सक्रिय हो जाएं। * रिमोट किल स्विच इंस्टॉल करें,जो चोरी के प्रयास पर वाहन की पावर कट कर दे।
(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल