
काजीरंगा (असम), 7 जून (Udaipur Kiran) । असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वर्ष की पहली बाढ़ की स्थिति अब सुधर रही है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के डीएफओ ने बताया कि पहले जहां 45 वन शिविर बाढ़ की चपेट में थे, वहीं अब केवल 9 शिविर ही प्रभावित हैं, बाकी सभी शिविर अब बाढ़ मुक्त हो चुके हैं।
वन अधिकारी अरुण विग्नेस के अनुसार, बाढ़ के दौरान 5 मवेशियों की डूबने से मौत हो गई, जबकि 30 मवेशियों को सुरक्षित बचा लिया गया। उधर, खतरे को भांपते हुए कार्बी आंगलोंग पहाड़ी की ओर गए हाथियों का झुंड और हिरण अब पुनः राष्ट्रीय उद्यान की ओर लौटने लगे हैं।
हालांकि बाढ़ का जलस्तर घट रहा है, लेकिन दोबारा बाढ़ आने की संभावना वर्षा पर निर्भर करेगी। इस बीच, राष्ट्रीय उद्यान से गुजरने वाले 37 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वन विभाग पूरी सतर्कता बरत रहा है। प्रशासन ने निर्देश दिया है कि आपदा की स्थिति में राजमार्ग पर जंगली जानवरों की आवाजाही बढ़ जाती है, इसलिए वाहनों की गति 40 किमी/घंटा से अधिक न हो। उल्लंघन की स्थिति में, तेज रफ्तार वाहनों की तस्वीरें सेंसर कैमरों में कैद होंगी और चालकों पर जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, यदि तेज गति के कारण कोई वन्यप्राणी घायल या मृत होता है, तो वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वन अधिकारियों ने यह भी बताया कि बाढ़ अक्सर उद्यान में अनावश्यक जलकुंभी हटाने में मदद करती है। हालिया बाढ़ ने कितनी सफाई की है, इसका सटीक आकलन बाढ़ पूरी तरह समाप्त होने के बाद ही हो पाएगा।
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(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
