Uttrakhand

सरोवरनगरी में सैलानियों का सैलाब, सर्द मौसम में मस्ती की गर्माहट

शनिवार को सरोवरनगरी में पहुंचे सैलानी और मॉल रोड पर लगा वाहनों का जाम।

नैनीताल, 07 दिसंबर (Udaipur Kiran) । विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी सरोवर नगरी नैनीताल में कुछ वर्षों पूर्व तक शीतकाल पर्यटन के लिहाज से ऑफ सीजन कहा जाता रहा है, लेकिन अब नगर की यह छवि बदल रही है। नैनीताल पुलिस को सप्ताहांत के लिये हल्द्वानी से ही नयी यातायात योजना बनानी पड़ रही है। नगर में वाहनों को रोक-रोक कर भेजना पड़ रहा है। इसके बावजूद नगर में सैलानी नगर में बड़ी संख्या में उमड़ रहे हैं और सर्दी के मौसम में भी यहां सैलानियों की गर्मागर्मी नजर आ रही है।

सैलानी नगर के प्रमुख आकर्षण नैनी झील में नौकायन के साथ मॉल रोड पर सैर के साथ नगर में गुनगुनी सर्दी का आनंद आनंद उठा रहे हैं। नगर में रोपवे केबल कार, केव गार्डन, घुड़सवारी के साथ ही लवर्स प्वाइंट, लैंड्स इंड, हिमालय दर्शन आदि पर्यटन स्थलों का भी आनंद उठा रहे हैं। नगर की लोवर मॉल रोड पर मल्लीताल में, नैनीताल क्लब से नीचे स्टेट बैंक तिराहे तक एवं अपर मॉल रोड पर तल्लीताल एवं तल्लीताल डांठ पर चल रहे सड़क निर्माण के सभी ओर वाहन सरक-सरक कर चलते नजर आ रहे हैं।

पर्यटन व्यवसायी आशंकित

नया वर्ष आने वाला है। दिसंबर के माह में 31 दिसंबर की शाम नये वर्ष के स्वागत के लिये हर वर्ष पर्यटक हजारों की संख्या में उमड़ते हैं, लेकिन यह चलन शुरू होने के बाद संभवतया पहली बार 31 दिसंबर मंगलवार को है। इसे लेकर पर्यटन व्यवसायी इस वर्ष नये वर्ष के स्वागत में सैलानियों के उमड़ने को लेकर आशंकित हैं। नगर के कई बड़े होटल संचालकों ने बताया कि अब तक 31 दिसंबर के लिये अच्छी बुकिंग नहीं आ रही हैं। इसका बड़ा कारण इस दिन मंगलवार होना हो सकता है। क्योंकि कई लोग इस दिन घर के बाहर खाने-पीने से बचते हैं। आगे देखने वाली बात होगी कि यह आशंका कितनी सही या गलत साबित होती है।

जू के लिए 6 माह से शटल टैक्सियां बंद होने से परेशानी

पर्यटन नगरी नैनीताल में गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान यानी चिड़ियाघर सैलानियों के लिये बड़ा आकर्षण है। बीते कुछ वर्षों से नगर पालिका यहां पहुंचने के लिये खड़ी कठिन चढ़ाई वाले संकरे मार्ग पर शटल टैक्सियों का संचालन करती रही है, लेकिन इस वर्ष जून माह से यहां शटल टैक्सियों का संचालन बंद हो गया है। नगर पालिका को यहां संचालन के लिये उच्च न्यायालय के आदेशों पर ई यानी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये निविदा आमंत्रित करनी थी, लेकिन केवल एक वर्ष की निविदा के लिये महंगे इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराने को कोई आगे नहीं आ रहा है। इस कारण सैलानियों को यहां पहुंचने के लिे लगभग एक किमी की खड़ी चढ़ाई पैदल चढ़नी पड़ रही है अथवा बाइक टैक्सी व टैक्सी वाले मनमाना किराया वसूल रहे हैं। चिड़ियाघर के वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद तिवारी ने बताया कि शटल टैक्सियों के न चलने से चिड़ियाघर में पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ने की जगह 10 फीसद तक घट गयी है।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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