सुकमा, 02 सितंबर (Udaipur Kiran) । जिले में सक्रिय एक महिला सहित कुल पांच नक्सलियों ने सोमवार को आत्मसमर्पण किया है। छत्तीसगढ़ शासन की ”छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर तथा अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित कर पुलिस के बढ़ते प्रभाव से पांचों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आत्मसमर्पित दो पुरुष नक्सलियों पर पद के अनुरूप क्रमशः एक-एक लाख का इनाम घोषित है। नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में डीआरजी फॉक्स, अल्फा, नक्सल सेल एवं 131 वाहिनी सीआरपीएफ के आसूचना शाखा का विशेष प्रयास रहा है।
पुलिस के बढ़ते प्रभाव एवं नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने की उद्देश्य से नक्सली संगठन में सक्रिय एक महिला सहित कुल 05 नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में मनीष रात्रे, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स सुकमा एवं अनंत हंस, सहायक कमाण्डेन्ट 131 वाहिनी सीआरपीएफ के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया।
आत्म समर्पित नक्सलियों में महिला पोड़ियाम बुधरी पति सन्ना (मेहता आरपीसी केएएमएस सदस्या), उम्र लगभग 45 वर्ष ,जाति मुरिया निवासी दुरमा थाना कोंटा जिला सुकमा; मल्लम देवा पिता मुत्ता (गोलापल्ली एलओएस सदस्य, इनामी एक लाख रुपये ) उम्र लगभग 30 वर्ष जाति दोरला निवासी सिंगाराम थाना गोलापल्ली जिला सुकमा; करटम हड़मा पिता हिड़मा (सिंगाराम आरपीसी डीएकेएमस अध्यक्ष, इनामी 01 लाख रुपये) उम्र लगभग 47 वर्ष जाति मुरिया निवासी गोंदीगुड़ा थाना गोलापल्ली जिला सुकमा; माड़वी जोगा पिता कोसा (सिंगाराम आरपीसी मिलिशिया सदस्य) उम्र लगभग 25 वर्ष जाति मुरिया निवासी गोंदीगुड़ा थाना गोलापल्ली जिला सुकमा एवं दूधी जोगा पिता हड़मा (अरलमपल्ली पंचायत सीएनएम उपाध्यक्ष) उम्र लगभग 35 वर्ष जाति मुरिया निवासी अरलमपल्ली थाना पोलमपल्ली जिला सुकमा शामिल हैं।
उपरोक्त सभी सदस्य प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गों पर स्पाईक/बम लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर मार्ग अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध बेनर, नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाने एवं अन्य घटनाओं में शामिल रहे हैं।
उपरोक्त प्रकरणों में न्यायालय सुकमा द्वारा वांरट जारी किया गया है। उपरोक्त सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदान की जाएंगी।
(Udaipur Kiran) / मोहन ठाकुर