कठुआ, 14 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जीडीसी मढ़हीन ने पंज दिन, पंज रंग, डोगरा संस्कृति संघ की थीम पर पांच दिवसीय गतिविधियों का जश्न मनाकर डोगरा संस्कृति को बढ़ावा दिया।
कार्यक्रम का आयोजन और पर्यवेक्षण डोगरी विभाग द्वारा आईक्यूएसी और सांस्कृतिक समिति के सहयोग से किया गया। पूरे कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह कॉलेज की सजावट और डोगरा विरासत से संबंधित विभिन्न वस्तुओं जैसे प्लैटरी, शिकू, धरत, रोंगली दातन, बेहनी, छज्ज, भारी, पखी, मदनी, रमल, चाटी, चक्की, तारकधि, तुम्बी, कुंदा-डंडा, मंजा, टोकरी आदि को प्रदर्शित करके किया गया। इसके अलावा कॉलेज के कर्मचारियों और छात्रों के लिए एक डुग्गर हीरो बाबा जित्तो के आध्यात्मिक दर्शन और विचारधारा को दर्शाते हुए एक वृत्तचित्र प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर अनुपमा गुप्ता के संरक्षण में किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने डोगरा परंपराओं, भाषा और व्यंजनों के बारे में छात्रों के बीच जागरूकता बढ़ाने में ऐसे आयोजनों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने न केवल सांस्कृतिक परंपरा को संजोया बल्कि भावी पीढ़ी के लिए डोगरा समुदाय की अनूठी विरासत को संरक्षित करने के महत्व को भी सुदृढ़ किया। इस कार्यक्रम में छात्रों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई और उन्होंने रंगीन कागजों से गुड़िया, फूल और वॉल हैंगर बनाकर कॉलेज की दीवार को सजाकर अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। पूरे कार्यक्रम का प्रबंधन प्रोफेसर संदीप चौधरी (संयोजक) और डॉ. शालू रानी (एचओडी, डोगरी विभाग) द्वारा किया गया। डॉ अरुण देव सिंह, प्रोफेसर अनूप शर्मा, डॉ मुनीशा देवी, प्रोफेसर मनु सैनी ने भी छात्रों को उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए मार्गदर्शन किया।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया