

अजमेर, 5 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में “सॉफ्ट स्किल्स एवं समग्र विकास” विषय पर पांच दिवसीय क्षमतावर्धन कार्यशाला की शुरुआत सोमवार से हुई। यह कार्यशाला 5 से 9 मई 2025 तक चलेगी, जिसमें देशभर के शिक्षाविदों एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
तकनीकी सत्रों का नेतृत्व एनआईटीटीटीआर भोपाल से आए प्रो. मनीष भार्गव और प्रो. अस्मिता खजांची कर रहे हैं। प्रो. भार्गव ने ‘विकसित भारत@2047’ और समग्र विकास के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया, जबकि प्रो. खजांची ने शिक्षार्थी-केंद्रित दृष्टिकोण, स्किल मैट्रिक्स और सॉफ्ट स्किल्स के विकास में शिक्षकों की भूमिका को रेखांकित किया।
कार्यशाला के आयोजन पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने कहा कि आज के शैक्षणिक परिवेश में केवल अकादमिक दक्षता पर्याप्त नहीं है। शिक्षकों को बहुआयामी कौशलों से युक्त होना आवश्यक है। इस प्रकार के क्षमतावर्धन कार्यक्रम शिक्षकों को समग्र रूप से सशक्त बनाते हैं, ताकि वे छात्रों के सर्वांगीण विकास में योगदान दे सकें।
कार्यशाला का उद्घाटन प्रो. ई. श्रीनिवासन, डीन, स्कूल ऑफ केमिकल साइंसेज एंड फार्मेसी की अध्यक्षता में हुआ। अपने संबोधन में उन्होंने माइंडफुलनेस, आत्म-ज्ञान, सकारात्मक दृष्टिकोण और समय प्रबंधन जैसे तत्वों की महत्ता पर बल दिया और ऐसे कार्यक्रमों की पहल के लिए कुलपति को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को नई शिक्षा नीति 2020 और आउटकम बेस्ड एजुकेशन के अनुरूप सॉफ्ट स्किल्स और समग्र विकास से संबंधित विविध पहलुओं पर दक्ष बनाना है। इसमें 21वीं सदी के कौशल, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, नैतिकता, ICT टूल्स, स्वास्थ्य, आत्म-प्रबंधन, छोटे समूहों में कार्य, मूल्यांकन उपकरण आदि विषयों को शामिल किया गया है।
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(Udaipur Kiran) / संतोष
